सुरसा ( असुर माता )
सुरसा दक्ष प्रजापति की कन्या और राक्षसों की माता थीं
कथा
दक्ष प्रजापति की ८४ कन्याओं में से १७ कन्याओं का विवाह महर्षि कश्यप के साथ किया गया था जिनमें से एक सुरसा भी थीं। सुरसा ने राक्षसों को जन्म दिया था जो देवताओं के विरुद्ध उठ खड़े हुए थे। सुरसा के पुत्रों के रूप में प्रसिद्ध राक्षस हेति , प्रहेति तथा मधु और कैटभ का जन्म हुआ था। सुरसा की गलत शिक्षाओं के कारण ही राक्षस देवताओं के विरुद्ध उठ खड़े हुए थे। वैसे राक्षसों का जीवन दैत्य और दानवों से बेहतर बताया गया है। पुराणों में कहा गया है कि दैत्य बहुत बर्बरता और निरंकुश जाति बताई गई है तथा दानव को मानवों का मांस खाना और तथा लूट पाट करने का शौक था और राक्षस जाति तीनों असुर जातियों में सुसंस्कारी मानी गई है और ये विद्वान बताए गए हैं। राक्षस जाति में रावण को सबसे विद्वान बताया गया है। साँचा:mbox