आत्मवाद
imported>अभिषेक कुमार दुबे द्वारा परिवर्तित ०३:२९, १९ जनवरी २०२२ का अवतरण
अपनी आत्मा में ही सांसारिक दृश्यों (संसार का दर्शन) को देखना या फिर अपनी अंतरात्मा को ही सम्पूर्ण संसार के रूप में देखना 'आत्मवाद' है। यहां पर व्यक्ति बाहरी संसार से ज्यादा अपनी आत्मा(स्वयं की दृष्टि या विचार)को महत्त्व देता है।उसके लिए खुद की अनुभूति ही सर्वप्रमुख है।
आत्मवाद एक तरह से अपने आप में ही सब कुछ देखना है।