नियंत्रित बाज़ार
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नियंत्रित बाज़ार (controlled market) या नियमित बाज़ार (regulated market) ऐसी आर्थिक व्यवस्था होती है जिसमें सरकार या अन्य आधिकारिक संगठन बाज़ार में माँग और आपूर्ति के बलों पर निगरानी या नियंत्रण रखता है। यह नियंत्रण कम या अधिक मात्रा का हो सकता है। नियोजित अर्थव्यवस्थाओं में यह नियंत्रण भारी दर्जे का होता है जबकि अन्य अर्थव्यवस्थाओं में यह सरल नियमों द्वारा संचालित होता है जिनका ध्येय धोखाधड़ी को रोकना होता है। अधिकांश शेयर बाज़ार नियंत्रित होते हैं, लेकिन विकसित देशों की अर्थव्यवस्थाओं में यह प्रयास करा जाता है कि नियंत्रण कभी ऐसा न हो जिस से आर्थिक संतुलन में अधिक विघ्न आए।[१] अधिक नियंत्रण से अर्थव्यवस्था में भ्रष्टाचार बढ़ता है और भ्रष्टाचारी व्यवस्थाओं में समाज-कल्याण का बहाना बनाकर नियंत्रण बढ़ाने की चेष्टा भी करी जाती है।[२]
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ "Corruption: What Everyone Needs to Know," Ray Fisman and Miriam Golden, Oxford University Press, 2017, ISBN 9780190464004, ... onerous regulations precisely because corrupt bureaucrats forsee the extra bribes they can extract by wrapping evry business activity in excessive red take. That is, corruption doesn't just provide businesses a way around pointless regulation - corruption is the reason some rules exist in the first place ...