शिला उच्चावच

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महाबलिपुरम में अर्जुन की तपस्या का शिला उच्चावच

शिला उच्चावच (rock relief) या तक्षित-शिला उच्चावच (rock-cut relief) ऐसी उच्चावच मूर्ति (यानि सामग्री के विस्तार को काटकर उभारी गई) होती है जो किसी ठोस पत्थर की दीवार या बड़े टुकड़े को तराश कर बनाई गई हो। यह एक प्रकार की शैलकला होती है और इसे कभी-कभी तक्षित-शिला वास्तुकला का भी भाग समझा जा सकता है। कई संस्कृतियों की कला या धार्मिक परम्पराओं में शिला उच्चावच का स्थान रहा है और पत्थर की चिरस्थाई प्रकृति के कारण अक्सर इनके अवशेष सैकड़ों या हज़ारों वर्षों बाद भी देखे जा सकते हैं।[१][२]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. Barasch, Moshe, Visual Syncretism: A Case Study, pp. 39–43 in Budick, Stanford & Iser, Wolfgang, eds., The Translatability of cultures: figurations of the space between, Stanford University Press, 1996, ISBN 0-8047-2561-6 (ISBN 978-0-8047-2561-3).
  2. Murray, Peter & Linda, Penguin Dictionary of Art & Artists, London, 1989. p. 348