गौड़ राजा दलपत शाह

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गोंडवाना साम्राज्य की राजधानी सिंगौरगढ़ के शासक व वीरागना रानी दुर्गावती के पति दलपत शाह की समाधि स्थल को पांच सौ वर्ष बाद सिंग्रामपुर के राजाबर्रा में खोज निकाली गई है। उनकी समाधि स्थल पर आज भी एक पत्थर पर कलाकृति अंकित अंकित है। इस समाधि स्थल को खोजने का श्रेय 40 वर्ष तक ब्रिट्रिश शासन में फिलपेज पंचायत सिंग्रामपुर के सरपंच रहे भलई जैन के नाती मुलाम बाबा को जाता है।

मुलाल बाबा के प्रयासों से ही समाधि स्थल की खोज हो पाई है। जिसकी जानकारी उन्होंने क्षत्रिय गौंड़ समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले अर्जुन मरका‍म को दी। समाधि स्थल की खोज करने वाले मुलामचंद जैन बाबा ने बताया कि उनके पूर्वज भलई जैन सिंग्रामपुर में अंग्रेजी शासन में लगातार चालीस वर्ष तक सरपंच रहे। बचपन में राजावर्रा के वृक्ष के नीचे राजा दलपत शाह की समाधि स्थल होने की बातें बताया करते थे और जहां पर समाधि स्थल वह सिंग्रामपुर से महज पांच सौ मीटर की दूरी दमोह जबलपुर हाईवे रोड के किनारे पर है। इसके पूर्व भी इस स्थान को देवधामी समझकर लोग पूजा करते थे, लेकिन समाधि स्थल होने की जानकारी किसी को नहीं थी। हालही में अगस्त माह में पीएम के आवाहन पर सांसद प्रहलाद पटेल द्वारा तिंरगा यात्रा निकाली गई थी, तभी बीरांगना रानी दुर्गावती से जुडे इतिहास की जानकारी व उनकी समाधि स्थल की खोज करने के लिए बोला गया था। जिसके वाद हमारे पास राजा की वंशवली के इतिहास के पन्ने मिले। फिर इनके इतिहास के पन्नों को पढ़ने के वाद दादा के द्वारा बचपन में राजा दलपत शाह की समाधि स्थल को लेकर बताई बातों को ध्यान में रखकर समाधि स्थल तक पहुंच गए। राजा दलपत शाह की समाधि राजाबर्रा के पुराने वृक्ष के नीचे आज भी साबित है।

सांसद पहुंचे समाधि स्थल: जानकारी लगते ही रानी दुर्गावती की 494वी जयंती समारोह में सांसद प्रहलाद पटेल, जिला पंचायत सदस्य संगीता मरकाम, व सामाजिक संस्था के सदस्यों रानी दुर्गावती प्रतिमा स्थल एवं राजा दलपतशाह की समाधि स्थल पहुंचे। Wright By- Bobby Goud साँचा:mbox