बांग्ला भाषा प्रोचोलोन आइन, १९८७

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বাংলা ভাষা প্রচলন আইন, ১৯৮৭
लिप्यंतरण: बांग्ला भाषा प्रोचोलोन आइन, १९८७
हिन्दी अनुवाद: बांग्ला भाषा प्रसार अधिनियम, 1987।
जातीय संसद
[बांग्लादेश गणराज्य के संविधान के अनुच्छेद 3 को लागू कर उसके परिपालन को सुनिश्चित करने हेतु अधिनियम।]
शीर्षक 2nd Act of 1987,
बांग्लादेश संहिता, खंड 27
प्रादेशिक सीमा संपूर्ण बांग्लादेश
द्वारा अधिनियमित बांग्लादेश सरकार
पारित करने की तिथि 8 मार्च 1987
शुरूआत-तिथि 8 मार्च 1987

बांग्ला भाषा प्रोचोलोन आइन, १९८७ ( बांग्ला: বাংলা ভাষা প্রচলন আইন, ১৯৮৭, हिन्दी अनुवाद: बांग्ला भाषा प्रसार अधिनियम, 1987), बांग्लादेश सरकार द्वारा जारी अधिनियम है जिसका उद्देश्य बांग्लादेशी संविधान के अनुच्छेद-3 के प्रावधानों को लागू कर उसके परिपालन को सुनिश्चित करना है। इस अधिनियम के अनुसार, सभी अभिलेख (रिकॉर्ड्स) और पत्राचार, कानून, अदालत की कार्यवाही, सरकारी या अर्ध-सरकारी कार्यालयों और बांग्लादेश में स्वायत्त संस्थानों का सारा कामकाज अनिवार्य रूप से सिर्फ बांग्ला भाषा में होना चाहिए। अधिनियम के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति बांग्ला के अतिरिक्त किसी अन्य भाषा में अपना आवेदन या अपील करता है, तो ऐसे आवेदन को अवैध और अमान्य माना जाएगा।

इस अधिनियम को "राष्ट्र द्वारा उठाया गया क्रांतिकारी कदम" माना जाता है और इसके मूल में आम लोगों की भाषा को सशक्त बना कर औपनिवेशिक ब्रिटिश प्राधिकरण द्वारा सार्वजनिक सेवाओं और न्याय तक लोगों की पहुँच में बाधा डालने वाले भाषा अवरोध को दूर करना है। इसके परिणामस्वरूप 1987 के बाद के बांग्लादेश की राष्ट्रीय संसद ने सभी कानूनों को बांग्ला में पारित किया गया है। इस अधिनियम के बावजूद, बांग्लादेश के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अक्सर अंग्रेजी का उपयोग किया जाता है, जिसके कारण बांग्लादेश के आम जन मानस में असंतोष व्याप्त है। बांग्ला भाषा के समर्थक इसे बांग्ला भाषा आन्दोलन के दौरान अपनी जान गंवाने वाले लोगों का अपमान मानते हैं। हर साल फरवरी में सेमिनार और अखबार के माध्यम से इस अधिनियम पर चर्चा की जाती है।

प्रावधान

अनुच्छेद 3

3(1): इस अधिनियम के लागू होने के बाद, सभी अभिलेख और पत्राचार, कानून, न्यायिक और अन्य विधिक कार्रवाई, सभी न्यायालयों, सरकारी या अर्ध-सरकारी कार्यालयों और बांग्लादेश में स्थित सभी स्वायत्त संस्थानों में केवल बांग्ला भाषा में लिखी जानी चाहिए।

3(2): यदि कोई व्यक्ति बांग्ला के अतिरिक्त अन्य किसी भाषा में खंड 3 (1) में उल्लिखित किसी भी कार्यालय में अपील या याचिका प्रस्तुत करता है, तो अपील या याचिका अवैध और अप्रभावी मानी जाएगी।

3(3): यदि कोई सरकारी कर्मचारी या अधिकारी इस अधिनियम का उल्लंघन करता है, तो उस पर बांग्लादेश सिविल सर्वेंट ऑर्डर और अपील नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया जाएगा, और उसके विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

अनुच्छेद 4

4: आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, सरकार इस अधिनियम को लागू करने के लिए आवश्यक नियम बना और लागू कर सकती है।

सन्दर्भ