कालभोज / बप्पा रावल
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बप्पा रावल महेन्द्र-2 के पुत्र थे इनका जन्म 713 ई. मे ईडर(गुजरात) मे हुआ हरीत ऋषि की गाये चराते थे 734 ई. हरीत ऋषि के आशीर्वाद से चितौडगढ के शासक मान मौर्य को पराजित कर मेवाड़ के शासक बने मेवाड़ की राजधानी नागदा को बनायी एकलिंग देव का मंदिर , सास - बहु का मंदिर(नागदा) आदिवराह मंदिर , ईरान के हज्जात , अरब के जुनैद , अफगान के सलीम को पराजित किया मेवाड़ मे सर्वप्रथम सोने के सिक्के चलाए अजमेर मे इनके काल का 115 र्गेन का सोने का सिक्का मिला है 753 ई. मे राजकार्य से सन्यास ले लिया
वर्तमान पाकिस्तान मे एक सैनिक चौकी स्थापित की जिसका नाम रावलपिंडी रखा