काक (रोटी)
प्रकार | चपटी रोटी |
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मूल स्थान | पाकिस्तान और ईरान |
क्षेत्र या राज्य | बलूचिस्तान, पाकिस्तान, बलूचिस्तान, ईरान और कुरमानशाह |
मुख्य सामग्री | आटा, खमीर, पानी, दूध, चीनी, नमक |
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काक (फारसी: کاک), पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत और ईरान के कुरमानशाह और बलूचिस्तान क्षेत्रों में प्रचलित रोटी का एक स्थानीय प्रकार है।
खानाबदोश बलूचियों के बीच लोकप्रिय काक, पकने के बाद बहुत कठोर हो जाती है इसलिए, इसे कभी-कभी "पत्थर की रोटी" भी कहा जाता है (उर्दू: پتھر کی روٹی)।
पकाना
काक पकाने के लिए आटे को सूखे खमीर, चीनी, नमक के साथ दूध और पानी से गूंधा जाता है। आटा को रोटी के आकार में बेल कर पहले एक गरम पत्थर रखा जाता है, फिर पत्थर समेत इसे एक तंदूर में पकने के लिए रखा जाता है। कभी-कभी इसके ऊपर तिल भी बुरक दिए जाते हैं। पकने पर रोटी सख्त हो जाती है, तब इसे सज्जी के साथ परोसा जाता है।
परंपरा
बलूच परंपरा के अनुसार काक बनाने का जिम्मा घर की सबसे बुजुर्ग महिला का होता है और रोटी उसी की देखरेख में पकाई जाती है। एक बार रोटी को पत्थर पर डालने के बाद वो यह जिम्मा घर की छोटी महिलाओं को सौंप देती है। बालोची लोगों के बीच यह भी प्रथा है कि शादी से पहले वाली रात को पिता अपनी बेटी जो कल दुल्हन बनेगी को अपने हाथ से काक खिलाता है।