कोल जाति

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कोल लोग भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश में पायी जाने वाली एक जनजाति है जिनके बारे में माना जाता है कि वो पांच शताब्दी पूर्व मध्य भारत में आये। ये लोग मुख्यतः भूमिहीन हैं और जंगलों में जीवन व्यापन करते हैं, इन्हें भारत की आरक्षण प्रणाली में अनुसूचित जनजाति में रखा गया है। मध्यप्रदेश के रीवा, सतना शहडोल सीधी सिंगरौली आदि जिलों में यह जनजाति पाई जाती है। मध्यप्रदेश में यह तीसरे स्थान पर सर्वाधिक पाई जाने वाली जनजाति है । खरवार मुंडा समूह की कोल एक प्राचीन जनजाति है। कोलों का निवास खुले स्थानों पर होता है और यह अपना संबंध शबरी (राम की एक भक्त) से बताते हैं। कोल संगीत के शौकीन होते हैं तथा इनके घरों में अनेक वाद्ययंत्र पाए जाते हैं। यह गाय व शेर के मांस का भक्षण नहीं करते हैं तथा यह टोटम वाद (टोना - टोटका इत्यादि) में विश्वास नहीं करते हैं "कोल देहका" इनका प्राचीन आदिम नृत्य है। कोलो की पंचायत को मुकद्दम कहा जाता h जिसका प्रमुख 'गोहिया अथवा गोटिया'कहा जाता है [१]

सन्दर्भ

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