थूपवंश

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थूपवंश (संस्कृत : स्तूपवंश ; अर्थ - 'स्तूप का इतिहास') पालि भाषा में रचित श्रीलंका के इतिहास का एक ग्रन्थ है। यह वाचिस्सर नामक बौद्ध भिक्षु द्वारा रचित माना जाता है। वाचिस्सर ने पालि और सिंहल भाषाओं में अनेक टीकाएँ रची हैं। इसकी रचना १३वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में हुई थी।