किग्वमा

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किग्वमा गाँव का दृश्य
किग्वमा गाँव का दृश्य
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प्रांत और देशकोहिमा ज़िला
नागालैण्ड
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जनसंख्या
 • कुल३,८७२
 • घनत्वसाँचा:infobox settlement/densdisp
भाषा
 • प्रचलित भाषाएँनागामी, अंगामी

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किग्वमा (Kigwema) भारत के नागालैण्ड राज्य के कोहिमा ज़िले में स्थित एक गाँव है। द्वितीय विश्वयुद्ध में इस गाँव पर जापानी कब्ज़ा हो गया था और इधर जापानी सेना ने एक खेमा बना लिया था।[१]

नाम व लोग

गाँव का नाम अंगामी भाषा के खोनोमा में बोले जानी वाली उपभाषा से लिया गया है, जिसमें 'कि" का अर्थ "घर", "ग्वे" का अर्थ "रहना" और "मा" का अर्थ "लोग" है, यानि किग्वमा/किग्वेमा का अर्थ "घरों में रहने वाले लोग" है। यहाँ के निवासी अंगामी समुदाय से हैं और समीप के खोनोमा गाँव से सम्बन्ध रखते हैं। अंगामी लगभग सभी बोलते हैं, और नागामी (जो असमिया के समीप है) भी बहुत से लोगों को आती है।

द्वितीय विश्वयुद्ध

4 अप्रैल 1944 को दोपहर के 4:00 बजे, जापानी सेना किग्वमा में प्रवेश हुई, जिनका नेतृत्व जनरल कोतोकू सातो कर रहे थे। इन्होंने गाँव में अपना खेमा स्थापित करा और इसी केन्द्र से कोहिमा का युद्ध लड़ा। ग्रामनिवासी कुओसे केरे (Kuose Kere) की स्मृति में -

"लड़ाई लम्बी थी, हमें अंग्रेज़ों ने चेतावनी दी थी, जिस से हम जापानियों के बारे में डर रखते थे, लेकिन वे तो बहुत मित्रतापूर्ण निकले। वे परिवारों के साथ रहे और जो लिया उसके पैसे देते थे, जो कि अंग्रेज़ नहीं देते थे, और उन्होंने न स्थानीय स्त्रियों से बदतमीज़ी करी और न कोई बुरा सम्बन्ध बनाने की कोशिश करी। हम बच्चों के लिए तो युद्ध रोमांचक रहा।"[२]

बाद में ब्रिटिश बमबारी में नौ ग्रामनिवासियों की मृत्यु हुई।

इन्हें भी देखें

बाहरी जोड़

सन्दर्भ

  1. "Mountains of India: Tourism, Adventure and Pilgrimage," M.S. Kohli, Indus Publishing, 2002, ISBN 9788173871351
  2. "That battle under the cherry tree स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।," Kishalay Bhattacharya, May 8, 2013, The Hindu (Newspaper)