मजहबी सिख
मज़हबी सिख वाल्मीकि जाति का एक समूह हैं, जिन्होंने हिंदू धर्म को छोड़ कर सिख धर्म अपना लिया है। मज़हबी शब्द उर्दू शब्द मज़हब (मजहब का अर्थ धर्म या संप्रदाय) से लिया गया है, और इसका अनुवाद वफादार के रूप में किया जा सकता है, "मजहबी सिख एक लड़ाकू जाति है" वर्तमान में भी भारतीय सेना में इनकी अपनी खुद की सिख लाइट इन्फेंट्री रेजीमेंट हैं। यह मुख्य रूप से भारत के पंजाब क्षेत्र में रहते हैं।
मजहबी सिख | |||
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धर्म | सिख | ||
भाषा | पंजाबी | ||
क्षेत्र | पंजाब, हरियाणा, दिल्ली |
मज़हबी सिख की उत्पत्ति
गुरु तेग़ बहादुर, नौवें सिख गुरु की दिल्ली में मुग़ल बादशाह औरंगजेब द्वारा हत्या किए जाने के बाद, वाल्मीकि जाति मे जनमे ( भाई जैता ) बाबा जीवन सिंह ने उनके पवित्र शव और शीश को मुगल सेना से बरामद किया और उसे नौवें सिख गुरु के बेटे गुरु गोबिन्द सिंह को सौंप दिया। उनकी बहादुरी को देख कर गुरु गोबिंद सिंह ने उन्हें रंगरेटा गुरु का बेटा ("वफादार") नाम दिया और उनकी पूरी जाति को मजहबी नाम दिया गया, ऐसे मजहबी सिख समाज की उत्पत्ति हुई है।[१]
संदर्भ
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