अफ़ग़ानिस्तान में यूरोपीय प्रभाव

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अफ़ग़ानिस्तान में यूरोपीय प्रभाव राजनीतिक, सामाजिक और मुख्यतः साम्राज्यवादी प्रभाव को संदर्भित करता है, जो कई यूरोपीय देशों और औपनिवेशिक शक्तियों ने अफगानिस्तान के ऐतिहासिक विकास पर डाला है।

दोस्त मोहम्मद खान का उदय

द ग्रेट गेम

प्रथम आंग्ल-अफगान युद्ध, 1838-1842

उन्नीसवीं सदी का मध्य

द्वित्तीय आंग्ल-अफगान युद्ध, 1878–1880

द आयरन आमिर, 1880-1901

हबीबुल्ला खान, 1901-1919

तृतीय आंग्ल-अफगान युद्ध और स्वतंत्रता

अमानुल्लाह खान, 1919-1929

मोहम्मद ज़हीर शाह, 1933-1973

1950 या 1960 के दशक में अफ़गानिस्तान में एक रिकॉर्ड स्टोर का द्रिश्य, जो उस समय बढ़ते पश्चिमी प्रभाव को दर्शाता है।

सन्दर्भ