हैदराबाद स्टॉक एक्सचेंज
हैदराबाद स्टॉक एक्सचेंज (HSE) 1941 में भारत के हैदराबाद में स्थापित एक स्टॉक एक्सचेंज था। 2007 में सेबी द्वारा एक्सचेंज को भंग कर दिया गया था और जनवरी 2013 से, एचएसई(HSE) को नियमित दलाली करने या कॉर्पोरेट इकाई के रूप में कार्य करने की सशर्त अनुमति दी थी।[१]
इतिहास
नवंबर 1941 में, कुछ अग्रणी बैंकरों और दलालों ने शेयर और स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन का गठन किया। 1942 में, वित्त मंत्री श्री गुलाब मोहम्मद ने स्टॉक एक्सचेंज के नियमों और विनियमों के गठन के उद्देश्य से एक समिति बनाई। हैदराबाद स्टॉक एक्सचेंज के अध्यक्ष और संस्थापक सदस्य श्री पुरुषोत्तमदास ठाकुरदास ने हैदराबाद कंपनी अधिनियम के तहत 14 नवंबर 1943 को एक्सचेंज का उद्घाटन समारोह किया। श्री कमल यार जंग बहादुर एक्सचेंज के पहले अध्यक्ष थे। एचएसई ने च.ई.एच. निज़ाम सरकार मे हैदराबाद के सिक्योरिटी कॉन्ट्रैक्ट एक्ट नंबर 1352 के तहत एसीमित गारंटी के साथ एक कंपनी के रूप में कार्य करना शुरू किया। यह स्टॉक एक्सचेंज, अहमदाबाद, बॉम्बे, कलकत्ता, मद्रास और बैंगलोर जैसे प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज के बाद प्रतिभूति अनुबंध अधिनियम के तहत मान्यता प्राप्त 6 वां स्टॉक एक्सचेंज था। सभी वितरण(deliveries) हर सोमवार या अगले कार्य दिवस पर पूरे होते थे।
एचएसई को पहली बार भारत सरकार ने 29 सितंबर 1958 को मान्यता दी थी क्योंकि उस तारीख से हैदराबाद और सिकंदराबाद के जुड़वां शहर प्रतिभूति विनियमन अधिनियम के अन्तर्गत मान्य हो गये थे। व्यापार गतिविधियों में पर्याप्त वृद्धि, और एक्सचेंज द्वारा प्रदान की गई विपत्ति सेवाओं(yeoman सservices) के लिए, एक्सचेंज को 29 सितंबर 1983 से स्थायी मान्यता दी गई थी।
संचालन
हैदराबाद स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड ने कोटि, हैदराबाद क्षेत्र में एक किराए की इमारत में अपने संचालन की शुरुआत की। यह 1987 में अयंगर प्लाजा, बैंक स्ट्रीट में स्थानान्तरित हो गया। सितंबर 1989 में, भारत के तत्कालीन उपराष्ट्रपति, शंकर दयाल शर्मा ने हैदराबाद के हिमायतनगर में स्टॉक एक्सचेंज की अपनी इमारत का उद्घाटन किया। बाद में, सभी व्यापारिक सदस्यों को एक छत के नीचे लाने के लिए, एक्सचेंज ने 6-3-654 / ए, सोमाजीगुडा, हैदराबाद - 82 पर स्थित एक बड़े परिसर का अधिग्रहण किया जिसमे एक छह मंजिला इमारत और लगभग 486,842 वर्ग फुट (45,229.1 वर्ग मीटर) का एक निर्माण क्षेत्र था(70,857 वर्ग फुट (6,582.8 वर्ग मीटर) के तहखाने सहित)।
स्टॉक एक्सचेंज की मान्यता समाप्ति
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने 29 अगस्त 2005 को हैदराबाद स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड (कॉर्पोरेशनाइजेशन एंड डेमूत्राइज़ेशन) स्कीम 2005 को अधिसूचित किया था। हैदराबाद स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड अपनी इक्विटी शेयर पूंजी के 51% हिस्से को जनता तक पहुंचाने में विफल रहा है, 28 अगस्त 2007 को या उससे पहले के व्यापारिक अधिकार रखने वाले शेयरधारकों के अलावा। प्रतिभूति संविदा विनियमन अधिनियम, 1956 (SCRA) की धारा 5 (2) के संदर्भ में, एचएसई को दी गई मान्यता 29 अगस्त 2007 से वापस ले ली गई थी। SEBI द्वारा अमान्य होने के बाद, कंपनी का नाम बदलकर “हैदराबाद सिक्योरिटीज एंड एंटरप्राइजेज लिमिटेड” कर दिया गया है।
एक्सचेंज के सदस्यों की संख्या 1943 में 55, 1993 में 117 थी और 31 मार्च 2000 को 869 सूचीबद्ध कंपनियों के साथ बढ़कर 300 हो गई, जिनकी की Rs.19128.85 की पूँजी थी।1999-2000 में व्यापारिक कारोबार बढ़कर रु 1236.51 करोड़ हो गया। एक्सचेंज में एक बहुत ही सुगम निपटान प्रणाली(settlement system)थी।
इन्हें भी देखें
*दक्षिण एशियाई स्टॉक एक्सचेंजों की सूची *राष्ट्रमंडल में स्टॉक एक्सचेंजों की सूची