एक्स फ़ोर्स

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भारत में चीनी सेना कमांडर सुन ली-जेन
भारत में अमेरिकी सुसज्जित चीनी सेना।

एक्स फ़ोर्स चीन की राष्ट्रीय क्रांतिकारी सेना के अभियान बल के हिस्से को दिया गया नाम था जो 1942 में बर्मा से भारत में वापस आया। च्यांग काई-शेक ने 1942 में जापानियों को वापस खदेड़ने में अंग्रेजों की सहायता के लिए युन्नान से बर्मा में सेना भेजी। ये चीनी सेनाएं बँट गईं और बर्मा से बाहर निकलकर इन सेनाओं ने भारत में प्रवेश किया। इन्हें बिहार के रामगढ़ छावनी (अब झारखंड राज्य में) में विभाजित किया गया था, जो पाँच-डिवीजन स्ट्रेंथ (चीनी नई 30 वीं, नई 22 वीं, नई 38 वीं, 14 वीं और 50 वीं डिवीज़न) तक लाई गई थी, [१] और फिर से अमेरिकी उपकरण और हथियारों से सुसज्जित और उन्हीं के द्वारा प्रशिक्षित की गई थी, हालाँकि इसका ख़र्च अंग्रेज़ों ने उठाया था।

इन पाँचों डिविजनों में से प्रत्येक में क़रीब 15,000 सैनिक थे, यानी कुल 75,000 सैनिक। 1942-45 के दौरान चीनी सेना के अभियान में इन डिविजनों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

यह सभी देखें

  • भारत-चीन डिवीजन
  • चीन बर्मा इंडिया थिएटर
  • उत्तरी लड़ाकू क्षेत्र कमान
  • नई 1 सेना
  • बर्मा रोड
  • वी फोर्स
  • जेड फोर्स (बर्मा)
  • चीनी अभियान बल (बर्मा)

टिप्पणियाँ

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संदर्भ

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बाहरी कड़ियाँ

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