चोर बालू
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चोर बालू (quicksand, क्विकसैंड) रेत, मिट्टी या अन्य किसी महीन कण वाले पदार्थ का भारी मात्रा में जल के साथ बना मिश्रण होता है। यह अक्सर विश्व के कच्छभूमि और दलदल क्षेत्रों में कई स्थानों पर प्राकृतिक रूप से पाया जाता है। अक्सर यह देखने में साधारण कीचड़ जैसा लग सकता है लेकिन यह किसी भी प्रकार के भार को सहने में असमर्थ होता है और एक अधिक श्यानता (विस्कोसिटी) वाले द्रव के गुण दिखाता है, यानि इसपर भार डालने वाली वस्तु धीमी गति से इसमें धंसने लगती है।[१] इसका हिन्दी नाम इसी कारणवश पड़ा है - ऐसा बालू (रेत) जो दिखने में ठोस लगे लेकिन पाँव रखने पर धोखा दे जाए।[२][३]
लोकभाषा में
लोकभाषा में "दलदल" शब्द का अर्थ "चोर बालू" भी निकाला जाता है, हालांकि दलदल (swamp) ऐसा क्षेत्र होता है जिसमें चोर बालू मिल सकता है।
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ Khaldoun, A., E. Eiser, G. H. Wegdam, and Daniel Bonn. 2005. "Rheology: Liquefaction of quicksand under stress." स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। Nature 437 (29 Sept.): 635. साँचा:doi
- ↑ "हिन्दी शब्दसागर - अर्थात् हिन्दी भाषा का एक बृहत कोश," श्यामसुंदर दास व बालकृष्ण भट्ट, नागरीप्रचारिणी सभा, 1916, वाराणासी
- ↑ "Civil Engineering: 2019 SSC JE," YCT Expert Team, Youth Competition Times, 2019, ... क्वीक सैंड को चोर बालू के नाम से जाना जाता है। यह बहुत महीन (रेत या गाद) तथा मिट्टी व पानी का मिश्रण होता है ...