त्रैलोक्यनाथ सान्याल
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त्रैलोक्यनाथ सान्याल | |
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Born | 1848 |
Died | 1915 |
Occupation | संगीतकार |
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Organization | साँचा:main other |
Agent | साँचा:main other |
Notable work | साँचा:main other |
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त्रैलोक्यनाथ सान्याल (साँचा:lang-bn) ब्रह्म समाज के एक गुरू थे जिन्होंने वैष्णव एवं ब्रह्म समाज के विचारों का संमिश्रण किया। उन्होंने ब्रह्म संगीत की रचना एक कला के रूप में की। रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने ब्रह्म संगीत का प्रचार बंगाल में किया।[१] उनके गाने आज भी ब्रह्म समाज में प्रार्थना की तरह गाए जाते हैं। उन्होंने अपने गानों में शास्त्रीय ही नहीं लोक धुनों जैसे भाटीयाली और रामप्रसादी का भी प्रयोग किया।[२]
संगीत के अध्यापक
1869 में केशव चंद्र सेन ने अपने चार साथियों को विश्व के चार पुरातन धर्मों का अध्यापक नियुक्त किया। गौर गोविंद राय को हिंदू, प्रताप चंद्र मजूमदार को ईसाई, अघोर नाथ गुप्ता को बौद्ध और गिरीश चंद्र सेन को इस्लाम धर्म का अध्यापक घोषित किया गया। त्रैलोक्यनाथ संयाल को संगीत का अध्यापक बनाया गया। केशव चंद्र सेन ने उन्हें चिरंजीव शर्मा नाम दिया।[२]
कार्य
विधान भारत, भक्ति चैतन्य चंद्रिका, ईशचरितामृत, पाथेर संबल, नवबृंदाबन, केशबचरित, ब्रह्मो समाजेर इतिबृत्त, साधू अघोरनाथ, विंशसताब्दी, ब्रह्मगीता, गीतारत्नाबली (I, II, III, और IV खंड).[३] नव शिक्षा, गराले अमृत, श्री चैतन्येर जीबोन ओ धर्म.[२]
स्रोत
- ↑ Kopf, David, The Brahmo Samaj and the Shaping of the Modern Indian Mind, 1979, pp. 238-9, Princeton University Press, ISBN 0-691-03125-8स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ अ आ इ Sengupta, Subodh Chandra और Bose, Anjali (संपादक), 1976/1998, Sansad Bangali Charitabhidhan (Biographical dictionary) Vol I, बंगाली में, pp. 161-2, ISBN 81-85626-65-0स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ Ghosh, Nirvarpriya, The Evolution of Navavidhan, 1930, pp. 170-171.