शिखा ओबेरॉय
शिखा देवी ओबेरॉय (जन्म: 5 अप्रैल 1983) पूर्व भारतीय-अमेरिकी पेशेवर टेनिस खिलाड़ी और भारतियों श्रेणी में पूर्व में नंबर 1 रही हैं। निरुपमा संजीव के बाद वह डब्ल्यूटीए की रैंकिंग में शीर्ष 200 में पहुँचने वाली इतिहास में दूसरी भारतीय महिला खिलाड़ी हैं।[१]
जीवनी
शिखा का जन्म पिता महेश (जो भारत के लिए टेबल टेनिस खिलाड़ी थे) और माँ मधु के यहाँ मुम्बई, महाराष्ट्र, भारत में हुआ था। जब वह एक शिशु थी, उनका परिवार प्रिंसटन, न्यू जर्सी में चला गया। उनकी एक बड़ी बहन (दीया) और तीन छोटी बहनें (नेहा, निकिता और निमिता) हैं। उनकी चार बहनें भी टेनिस खिलाड़ी हैं, लेकिन सभी में, शिखा अब तक सबसे सफल हैं, और भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली एकमात्र हैं (अन्य बहनें संयुक्त राज्य का प्रतिनिधित्व करती हैं)। उन्हें 2007 का ज़ी अस्तित्व एथलीट नामित किया गया था। उन्होंने एंथ्रोपोलॉजी और दक्षिण एशियाई अध्ययन में प्रिंसटन विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। वह खेल के माध्यम से महिला सशक्तिकरण पर विभिन्न राजनयिक सम्मेलनों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बोलती हैं। वह एक समाचार और खेल प्रस्तोता भी है और टेनिस और फिटनेस के सभी स्तरों की कोच हैं।
करियर
वह अगस्त 2003 में सीनियर टेनिस खिलाड़ी बन गईं। हालांकि उन्होंने आज तक कोई डब्ल्यूटीए टूर इवेंट नहीं जीता है, शिखा के नाम पर तीन आईटीएफ महिला सर्किट एकल खिताब हैं।
2004 के यूएस ओपन में, शिखा आधुनिक युग में दूसरी भारतीय महिला खिलाड़ी बनीं जिसने जापान के साओरी ओबाटा को हराकर ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट में किसी राउंड में जीत हासिल की।[२] (1998 के ऑस्ट्रेलियन ओपन में पहली बार निरुपमा वैद्यनाथन ने ऐसा किया था।)
2005 में, शिखा बहन नेहा के साथ, कोलकाता में और ग्वांगझोउ में पार्टनरशिप करते हुए 2 डब्ल्यूटीए डबल्स फाइनल में पहुँची।
2006 में, शिखा ने 2006 के एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया, जहां उन्होंने राउंड 1 में बहरीन की लिंडा अहमद को हराया।[२]
2007 में शिखा ऑकलैंड में फाइनलिस्ट थीं।