अंतरराष्ट्रीय पोल खेल महासंघ
अंतरराष्ट्रीय पोल खेल महासंघ (इंटरनेशनल पोल स्पोर्ट्स फेडरेशन, IPSF) एक वैश्विक लाभ-निरपेक्ष संगठन है, जिसे पोल खेलों के अंतरराष्ट्रीय प्रशासनिक निकाय के रूप में ग्लोबल एसोसिएशन ऑफ इंटरनेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन (GAISF) का पर्यवेक्षक सदस्य होने की मान्यता प्राप्त है। IPSF राष्ट्रीय पोल महासंघों का छाता संगठन है, जो वार्षिक विश्व पोल चैम्पियनशिप की मेज़बानी करता है।[१][२]
पृष्ठभूमि और इतिहास
कलाबाज़ी, कलात्मक भंगिमाओं तथा संगीत की धुन पर नाट्य-मुद्राओं का प्रदर्शन करते हैं। १९९० और २००० के दशकों में पोल नृत्य एक फिटनेस गतिविधि के रूप में विकसित हुआ। २००९ में, केटी कोट्स (Katie Coates) और टिम ट्रॉटमैन (Tim Trautman) ने पोल को एक खेल के रूप में बढ़ावा देने के लिए IPSF का गठन किया। उन्हें लगा कि पोल नृत्य एक खेल के रूप में विकसित हो रहा था, यह अनियमित मानकों के साथ स्थानीय प्रतियोगिताओं में फैल चुका था, अतः वे इसके विकास और व्यवसायीकरण को आगे बढ़ाने के लिए इस खेल में संरचना और निष्पक्षता का भाव लाना चाहते थे। IPSF एक कार्यकारी समिति द्वारा प्रशासित होता है।
IPSF ने पोल खेलों को प्रशासित करने के लिए नियम और शर्तें बनाई हैं, जैसे एक अंक-तालिका, स्वास्थ्य और सुरक्षा की नीतियाँ तथा खेल अधिकारियों के लिए प्रमाणीकरण की सुविधा। राष्ट्रीय महासंघ राष्ट्रीय पोल खेल प्रतियोगिताओं में इन मानकों को लागू करने के लिए IPSF के साथ काम करते हैं। IPSF से जुड़े हुए राष्ट्रीय पोल खेल महासंघ अब अफ्रीका से एशिया तक कई महाद्वीपों में मौजूद हैं, और कुछ अन्य संघ IPSF द्वारा समर्थित किए जाने के निमित्त एक संरचित योजना बनाने की प्रक्रिया में हैं। उदाहरण के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका में IPSF के तहत एक राष्ट्रीय महासंघ बना है, जिसे अमेरिकन पोल लीग कहा जाता है। IPSF द्वारा आयोजित विश्व पोल चैम्पियनशिप के लिए राष्ट्रीय संघ अपने शीर्ष प्रतियोगियों को भेजते हैं। IPSF विश्व डोपिंग विरोधी संस्था की विश्व डोपिंग रोकथाम संहिता (एक ऐसी नियमावली, जो अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति IOC के प्रोत्साहन से उत्पन्न हुई थी) के हस्ताक्षरकर्ताओं में से एक है। २०१२ में IPSF ने वार्षिक विश्व पोल चैम्पियनशिप शुरू की, जहाँ पुरुष, महिला और युवा खिलाड़ी प्रतिस्पर्धा करते हैं। २०१७ में, छत्तीस देशों के २२९ एथलीटों ने इसमें भाग लिया।[८] दर्शक लाइवस्ट्रीम के माध्यम से प्रतियोगिता को लाइव, ऑनलाइन देख सके। इस चैम्पियनशिप के लिए दर्शक-गण बटोरने तथा दर्शकों की संख्या बढ़ाने के लिए IPSF ने सॉलिडस्पोर्ट के साथ गठबंधन किया है।
IPSF ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) से मुलाकात की है और कहा है कि अपने लक्ष्यों में से एक पोल खेल को ओलंपिक खेलों का हिस्सा बनाना है। ऐसा करने के उनके प्रयासों ने पोल खेलों के लिए और IPSF व इसके संस्थापकों के लिए अंतरराष्ट्रीय मीडिया का ध्यान आकर्षित किया है। हाल ही में, IPSF ने २०१५ में SportAccord (अब GAISF) को आवेदन भेजा था और २०१७ में उसे GAISF द्वारा औपचारिक पर्यवेक्षक का दर्जा दिया गया। मीडिया ने IPSF के उद्देश्य पर सवाल उठाते हुए इसके, खासकर युवा एथलीटों के लिए एक पेशेवर खेल होने की संभावना पर सन्देह प्रकट किया। इस खेल को मानकीकृत करने के IPSF के प्रयासों पर, IPSF द्वारा आयोजित चैम्पियनशिप के भीतर आवश्यक एथलेटिसिज़्म यानी पर्याप्त जोशीलापन होने के विषय पर, तथा IPSF द्वारा प्रतियोगिताओं में बाल एथलीटों से लेकर वरिष्ठ एथलीटों तक के अलग-अलग आयु वर्ग शामिल करने पर भी मीडिया ने रिपोर्ट की है। कुछ पोल नर्तक चिंतित हैं कि IPSF के ये प्रयास और व्यवसायीकरण पोल नृत्य के अन्य रूपों के बीच केवल पोल खेलों को बढ़ावा देंगे, उदाहरणार्थ पोलिंग को कलात्मकता के घाटे पर ही अधिक एथलेटिक, मानकीकृत और चाल-प्रमुख बनाया जाएगा। हालांकि अन्य पोल नर्तकों का मानना है कि यह खेल को अधिक से अधिक अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाएगा, जिससे राष्ट्रीय महासंघों के आर्थिक समर्थन व प्रोत्साहन के लिए संभवतः अधिक धन तथा युवाओं की अधिक भागीदारी प्राप्त होगी। IPSF के कुछ मानक पोल खेलों को जिमनास्टिक से अलग करने के लिए बनाए गए हैं। IPSF के अनुसार संगठन ने GAISF और FIG (फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल जिम्नास्टिक्स) के साथ तीन-तरफ़ा समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें निर्दिष्ट किया गया है कि FIG, GAISF में IPSF के प्रवेश का समर्थन करेगा।
अनुशासन
पोल खेलों के अलावा IPSF ने अल्ट्रा पोल, कलात्मक पोल और पैरा पोल धाराओं में आयोजित प्रतियोगिताओं के लिए भी नियमावलियाँ और मानक बनाए हैं। अल्ट्रा पोल में प्रतिभागियों के बीच विभिन्न चालों व कलाबाज़ी की स्पर्धा के लगातार दौर शामिल हैं। पोल खेलों की तुलना में कलात्मक पोल कलात्मक तत्त्वों पर अधिक बल देता है।[३] पैरा पोल “अब पैरालंपिक मानदंडों के अनुरूप विकसित किया गया है, जिसमें तीन श्रेणियाँ - मांसपेशी, अंग और दृष्टि की कमी शामिल है”।