नादौन की लड़ाई

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
imported>Vedbas द्वारा परिवर्तित १३:४४, २६ जून २०२१ का अवतरण (fix)
(अन्तर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अन्तर) | नया अवतरण → (अन्तर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
नादौन का युद्ध
मुग़ल-सिक्ख युद्ध का भाग
तिथि 1691[१][२]
स्थान नादौन
परिणाम राजा भीम चंद, सिक्ख गठबंधन की विजय[३]
योद्धा
बिलासपुर राज्य के राजा भीम चंद, सहायता:
Punjab flag.svg गुरु गोबिन्द सिंह के शिष्य (सिक्ख)
दधवाल के प्रिथी चंद,
सेनापति
Alam of the Mughal Empire.svgवज़ीर खान
कांगड़ा के राजा
बिजरवाल के राजा दयाल
सेनानायक
भीम चंद
Punjab flag.svg गुरु गोबिन्द सिंह
अन्य राजा व सेनापति
अलीफ खान
कृपाल सिंह
बिजरवाल के राजा दयाल

नादौन का युद्ध नादौन में बिलासपुर राज्य के राजा भीम चंद तथा अलीफ खान के नेतृत्व वाली मुग़ल सेना के मध्य लड़ा गया था। राजा भीम चंद को दशम सिक्ख गुरु गुरु गोबिन्द सिंह तथा पर्वतीय सरदारों का समर्थन प्राप्त था जो मुग़ल साम्राज्य के अन्तर्गत नहीं रहना चाहते थे। जबकि मुग़लों को कांगड़ा के राजा तथा बिजरवाल के राजा दयाल का समर्थन प्राप्त था। युद्ध में राजा भीम चंद के गठबंधन को विजय प्राप्त हुई।

हालाँकि इस युद्ध की तिथि को लेकर विद्वानों में मतभेद है। लेखक युद्ध की तिथियाँ अलग-अलग 1687,[४][५] 1689,[६][७] 1690,[८] 20 मार्च 1691,[९] तथा 4 अप्रैल 1691[१०] बताते हैं।

गुरु गोविन्द सिंह की आत्मकथा बिचित्र नाटक इस युद्ध की जानकारी का प्रमुख स्रोत है, जिसमे इसका विस्तार से वर्णन किया गया है।

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ