मूँदी
साँचा:if empty Mundi | |
---|---|
{{{type}}} | |
श्री सिंगाजी ऊष्मीय विद्युत ऊर्जा संयंत्र | |
साँचा:location map | |
निर्देशांक: साँचा:coord | |
देश | साँचा:flag/core |
प्रान्त | मध्य प्रदेश |
ज़िला | खंडवा ज़िला |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | १२,८८९ |
• घनत्व | साँचा:infobox settlement/densdisp |
भाषाएँ | |
• प्रचलित | हिन्दी |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30) |
मूँदी (Mundi) भारत के मध्य प्रदेश राज्य के खंडवा ज़िले में स्थित एक शहर है।[१][२]
विवरण
मूँदी समुद्र तल से 900 मीटर की ऊंचाई पर है। यह शहर नर्मदा घाटी के पास बसा है।यह शहर खंडावा ज़िले के उत्तरी भाग में स्थित है।यह शहर का आकार पूर्व मे अंगूठी या गोला आकार मे बसा होने के कारण इसका नाम मुंदड़ी से मूंदी रखा गया था।यह शहर अतिप्राचीन काल से बसा हुआ है मान्यताओ अनुसार यहाँ पर महाभारत काल के समय पांडव यहॉ आए थे एवं उन्होने यहां पर लोटेश्वर एवं कोटेश्वर मंदिर की स्थापना की थी।इसी काल के एक और ऐतिहासिक मॉ रेणुका धाम भी है जो यह सिद्ध करता है की यह शहर काफी पुराना है।यह वही क्षेत्र है जहाँ संत सिगांजी ने अपनी समाधि ली थी एवं उनके शिष्यो की भी समाधि यही स्थापित है।इस शहर के नजदीक ही राजा हरसवर्धन के द्वारा बसाया गया था हरसूद जो की अब इंदिरा सागर परियोजना बांध मे डूब गया है।यहां अनेक प्राचीन मुर्तियाँ एवं स्थान आज भी मौजूद है जो की इस शहर के पुरातनता को सवारे हुए हैं।मडी,गडी,रेणुका धाम, कोटेश्वर एवं लोटेश्वर मंदिर यहां की पुरातन धरोहर है।
ऐतिहासिक तथ्य
प्राचीन मान्यताओं के अनुसार मूँदी शहर का नाम मुन्द्री {गोल आकर या अंगुुठी } पर रखा था. मान्यतानुसार पांडवो ने यहा पर लोटॆॆश्वर व कोतेश्वर मंदिर बनवाया था जो की माँ रॆणुका माता मंदिर के पास स्थित है अतः मूँदी मान्यता अनुसार हजारों वर्ष पुराना है। 12वीं शताब्दी में यह नगर जैन मत का महत्त्वपूर्ण स्थान था। यह नगर पुरातन नगर है, यहाँ पाये जाने वाले अवशेषों से यह सिद्ध होता है| यह पर जैन मुर्तियाँ भी पायी गयी थी।
आधुनिक नगर
1985 में इसे नगर परिषद बना दिया गया। यह शहर उत्तर-पश्चिमी मे ओंकारेश्वर , सनावद, बड़वाह पूर्व मे छनेरा व दक्षिण मे खंडवाशहर से जुड़ा हुआ है।
अर्थव्यवस्था
मूंदी शहर की स्थानीय अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि और व्यापार पर आधारित है। आसपास के क्षेत्र की मुख्य फसल गेहूं, कपास और सोयाबीन हैं।मूंदी शहर के नजदीक बीड़ ग्राम मे कपास उपमण्डी मनाई गई है जिसका संचालन मूंदी, उपज मंडी से होता है। इसके अलावा 2010 मे मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटीग कंपनी द्वारा मूंदी क्षेत्र में संत सिगांजी पॉवर प्लांट स्थापित किया है जिससे यहां का व्यापार व रोजगार बढ़ा है।एवं निरंतर उन्नती विकास बढ़ रहा है आने वाले समय मे यहां सिमेंट प्लांट स्थापित होना प्रस्तावित है। मूंदी शहर मे इंडस्ट्रिस् मे जिनिंग फेक्ट्री, आईल मिल, खल्ली-कपास फेक्ट्री मौजूद हैं। एवं पर्यटन स्थल के तौर पर पर्यटको को यहां पर हनुवंतिया वाटर स्पोर्ट् , संत सिंगाजी धाम, एवं रेणुका मंदिर, कोटेश्वर मंदीर, लोटेश्वर मंदिर स्थापित है जिससे भी रोजगार व व्यापार का यह केन्द्र मना हुआ है।
प्रमुख पर्यटन स्थल
माँ रेणुका माता मंदिर
मूंदी का प्रसिद्ध माँ रेणुका माता मंदिर मूंदीमंडी के पास स्थित है। यह मंदिर माता रेणुका को समर्पित है। यह मूंदी का प्राचीन मंदिर है जहा प्रतिदिन भक्तो की भीड़ लगी रहती है यह मंदिर कई परिवारो की कुल देवी भी है व नवरात्रि एवं रेणुका चौदस के समय भारी मात्रा मे भक्त आते है। रेणुका चौदस में यहाँ एक दिनी मेला लगता है, जिसे देखने और माता के दर्शन करने के लिए प्रतिवर्ष हजारों लोग यहाँ आते हैं।
माँ भवानी मंदिर ,माता चौक
यह मंदिर मूंदी,माता चौक स्थापति नवीनतम मंदिर है जो माँ भवानी माता को समर्पित है।नवरात्री पर्व पर यहां नो दिवस भारी संख्या मे लोग उपस्थित होते है व यहां कार्यक्रमो का आयोजन भी किया जाता है।
संत सिगांजी धाम
मूंदी शहर से 16कि.मी की दूरी पर इंदिरा सागर परियोजना के डूब क्षेत्र मे मध्य मानव निर्मित टापू पर संत सिगांजी महाराज का मंदिर है।यह धाम अति प्राचीन व मालवा-निमाड़ समेत पूरे प्रदेश के लोकप्रिय धामो मे से एक है।
संत बुखारदास गुलाबदास महाराज
शहर के उत्तर दिशा मे स्थित संत बुखारदास गुलाबदास महाराज का मंदिर है।यह संत सिंगाजी के शिष्य संत बुखारदास व गुलाबदास है जो भी श्रध्दालू सिगांजी महाराज के दर्शन करने आते है वह इस मंदिर पर भी आते हैं।कहते है कि इंदिरा सागर बांध बनने के बाद डूब मे आए यह मंदिर अन्य शहरो मे जा रहा था परंतु संत गुलाबदास जी ने इसे मूंदी मे स्थित करवाया चूँकि संत सिंगाजी अपने दौहे मे मूंदी को पवित्र क्षेत्र मानते थे व इसे संतो का धाम कहते थे।वह दोहा है "धन्य मूंदी धन संतो का धाम"।
हनुवंतिया वॉटर स्पोर्ट
मूंदी से 18 कि. मी की दूरी पर स्थित इंदिरा सागर के बेकवाटर मे मध्यप्रदेश पर्यटन ने हनुवंतिया वाटर स्पोर्ट की स्थापना की है।जहाँ प्रति वर्ष जल महोत्सव का आयोजन होता है । जो पर्यटक स्थल है।प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसे अपना ड्रीम प्रोजेक्ट बताते हुए अपनी पसंदीदा जगहो मे से एक माना है।
आवागमन व यातायात
- वायु मार्ग
इंदौर विमानक्षेत्र मूंदी का निकटतम एयरपोर्ट है, जो यहां से करीब 120 किलोमीटर दूर है। इंदौर देश के अनेक शहरों से नियमित फ्लाइट्स के माध्यम से जुड़ा हुआ है।
- रेल मार्ग
मूंदी का निकटतम रेल्वे खंडवा रेलवे स्टेशन दिल्ली-मुंबई रूट का प्रमुख रेलवे स्टेशन है। यह रेलवे स्टेशन विभिन्न ट्रेनों के माध्यम से देश के अनेक शहरों से जुड़ा है।
- सड़क मार्ग
मूंदी शहर हाइवे व प्रमुख सड़को से विभिन्न शहर से जुड़ा हुआ है यह शहर प्रदेश के खंडवा,सनावद,बड़वाह,इंदौर,भोपाल,आष्ठा, खातेगांव,हरसूद से जुड़ा हुआ है ।
मूंदी स्टेट हाइवे क्रं एसएच-41 (खंडवा-मूंदी-आष्ठा) से भोपाल,खातेगांव, कन्नौद, सतवास, आष्ठा से एवं एसएच-41अ से इंदौर,सनावद, बड़वाह से जुड़ा है। यहा से प्रतिदिन 200 बसो से आवागमन होता है।व ऑटो, रिक्शा, से मूंदी क्षेत्र के 40ग्रामीण इलाकों से भी आवागमन होता है।
नर्मदा एक्सप्रेस वे
राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग व मध्यप्रदेश सड़क निमार्ण विभाग नर्मदा नदी के समीप स्थित प्रमुख शहरो से होते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने का प्रस्ताव स्वीकृत हो गया है जिसमे गुजरात के कुछ शहर भी जुड़े है इसके पूर्ण होते ही यह शहर राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ते हुए कई शहरो से आवागमन कर सकेगा ।
जनसंख्या
2011 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या 30,000 नगर परिषद क्षेत्र के अंतर्गत आता है।हिन्दी शहर की आधिकारिक भाषा है, और जनसंख्या के बहुमत द्वारा बोली जाती हैं जैसे निमाड़ी भी बोली जाती हैं:
नामकरण
ऐसा कहा जाता है की मूँदी शहर की बसाहत पूर्व मे अंगूठी (मुंदड़ी) व गोला आकार मे था जिसके कारण इस शहर का नाम मुंदड़ी से मूंदी रखा गया था|इस शहर को निम्न प्रकार से उच्चारण किया जाता है जैसे मूंदी, मुंदी, मूँदी,मून्दी
भूगोल
मूंदी खंडवा ज़िले के उत्तर-पश्चिमी किनारे पर मध्य प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित है। मूंदी से 3कि.मी की दूरी पर केनूद तालाब से पानी खरकली नदी मे आता है जिससे शहर की व्यवस्था की जाती हैं। उत्तर पश्चिम दिशा मे मुख्य सड़क से सनावद,बड़वाहएवं 12 ज्योतिलिंग मे से एक ओंकारेश्वर से;पूर्वी दिशा मे हरसूद,हरदा,खिरकियासे;दक्षीण मे खंडवा से एवं इंदौर,भोपाल,आष्ठा,खातेगांव,वकन्नौद से मुख्य सड़क द्वारा जुड़ा हुआ है।
मूंदी शहर की सरकारी कार्यालय, बैक,समितिया
सरकारी कार्यालय
- मूंदी,नगर परिषद
- तहसील कार्यालय
- राजस्व विभाग
- वन विनाभ
- पुलिस थाना
- डाक घर
- कृषी उपज मंडी
बैक
- बैक ऑफ़ इंडिया
- नर्मदा मालवा ग्रामीण बैक
- यूनियन बैक
- जिला सहकारी केन्द्रीय बैक
- सेवा सहकारी समिती
शिक्षा
कॉलेज
- औघैयकीक प्रशिक्षण संस्थान (आई.टी.आई कॉलेज)
- लांयस कॉलेज
- शासकीय कॉलेज
स्कूल
- सेंट मेरीज कॉन्वेट हाई स्कूल
- शासकीय बालक उच्चत्तर माध्यमिक शाला
- शासकीय कन्या शाला
- जनपद शाला
- लॉयस हायर सेकेन्दिय स्कूल
- आशा देवी पब्लिक स्कूल
- सरस्वती विध्या मंदिर
- मॉडल पब्लिक स्कूल
- संस्कार पब्लिक स्कूल
- सरस्वती शिशु विध्या मंदिर
- रेवोत्तमा इंटरनेशनल स्कूल
विधानसभा जानकारी
मध्य प्रदेश|मध्यप्रदेश के खंडवा लोकसभा के मांधाता विधानसभा मे यह मूंदी क्षेत्र आता है। मांधाता विधानसभा का पूर्व मे नाम निमाड़खेड़ी हुआ करता था जिसे 2008 मे बदला गया था।यह विधानसभा क्षेत्र आजादी से अब तक अनारक्षित सीट रही हैं।
विधायक कार्यकाल
- शी नारायण पटेल (2018-अब तक)INC
- श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर BJP(2008-2013 व 2013-2018)
- ठा. राजनारायण सिंह पुरनी INC
- श्री रघुवीर सिंह जी तोमर BJP
- श्री राधाकृष्ण भगत BJP
- श्री रघुनाथ मंडलोई
नगर परिषद कार्यकाल
सन 1985 मे मूंदी को नगर परिषद का दर्जा दिया गया था।उस समय नगराध्यक्ष लक्ष्मीचंद्र जी गुर्जर थे। मूंदी शहर को 15वार्डो मे बांटा गया है और हर 5 वर्ष मे चुनाव आयोजित होते है। देश के प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी के कार्यकाल मे प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मूंदी मे प्रथम चढ़ण मे 400 एवं द्वितीय चढ़ण मे 650 मकान मूंदी नगर परिषद क्षेत्र मे बनाए गए हैं। मूंदी नगर परिषद शहर की जरूरती आपूर्ति पूरी करती हैं जैसी बुनियादी सुविधाओं पानी और सीवरेज है। एवं नगरअध्यक्ष आशा जैन व संतोष राठौर के कार्यकाल के दौरान मूंदी शहर के लगभग सभी सड़को का निमार्ण पूर्ण हो चुका है।
अध्यक्ष कार्यकाल
- संतोष राठौर
- आशा छगनलाल जैन
- लक्ष्मण पटेल
- संतोष राठौर
- लक्ष्मीचंद्र गुर्जर
महत्वपूर्ण व्यक्ति
- राधाकृष्ण भगत पूर्व विधायक - मूंदी शहर के सर्वप्रथम विधायक बनने वाले व्यक्ति थे भगतजी।तब निमाड़खेड़ी विधानसभा लगती थी।
- अमन दलाल लेखक- मूंदी से लेखन के क्षेत्र में अमन दलाल ने अपनी कविताओं से देश मे अपना नाम बना चुके हैं।
- श्रीराम परिहार लेखक - मूंदी से 12कि.मी की दूरी पर स्थित फेफरिया ग्राम मे जन्मे परिहार जी लेखन के क्षेत्र मे अपना नाम प्रसिद्ध किया है।
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ "Inde du Nord: Madhya Pradesh et Chhattisgarh स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।," Lonely Planet, 2016, ISBN 9782816159172
- ↑ "Tourism in the Economy of Madhya Pradesh," Rajiv Dube, Daya Publishing House, 1987, ISBN 9788170350293