आदिशक्ति

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
imported>रोहित साव27 द्वारा परिवर्तित ०४:२८, ४ अप्रैल २०२२ का अवतरण (223.177.35.189 (Talk) के संपादनों को हटाकर अजीत कुमार तिवारी के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया)
(अन्तर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अन्तर) | नया अवतरण → (अन्तर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
आदिशक्ति
साँचा:larger
Member of परब्रह्म
निवासस्थान देवी लोक
अस्त्र सभी
जीवनसाथी साँचा:if empty
संतान साँचा:if empty

स्क्रिप्ट त्रुटि: "check for unknown parameters" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।

आदि शक्ति को सनातन, निराकार, परब्रहम, जो की ब्रह्मांड से भी परे एक सर्वोच शक्ति के रूप में माना जाता है। शाक्त संप्रदा के अनुसार यह शक्ति मूल रूप में निर्गुण है, परंतु निराकार परमेश्वर जो न स्त्री है न पुरुष, ने जब सृष्टि की रचना करनी होती है तो वे आदि परशक्ति के रूप में उस इच्छा रूप में ब्रह्मांड की रचना, जनन रूप में संसार का पालन और क्रिया रूप में वह पूरे ब्रह्मांड को गति तथा बल प्रदान करती है।

आदि शक्ति को पराम्बा, परशक्ति या आदि पराशक्ति कह कर भी संबोधित किया जाता है।

हर संप्रदा में आदि पराशक्ति को विभिन रूप में मान कर पूजा जाता है, शक्त संप्रदा में ये स्वयं ब्रहमशक्ति के रूप में पुजा जाता है जिसमे दो कुल है काली कुल और श्री कुल।कुछ अन्य शाक्त, भगवती दुर्गा को ही आदि शक्ति मानते है। वैष्णव संप्रदाय वाले भगवती को राधा मान कर पूजते है, जबकि शैव संप्रदा माता पार्वती अथवा शाकम्भरी को ही आदि शक्ति का सगुण स्वरूप मानते है सिख कॉम शक्ति को निर्गुण ही मानते है उनके एकोर्डिंग चंडी अकाल पुरुख की ऊर्जा शक्ति है।

देवी भागवत, अथर्व वेद, मार्कन्डेय पुराण जैसे प्राचीन ग्रंथ के अनुसार, देवी आदि शक्ति ही मूल है।