खुशालीराम तिवारी
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(पंडित खुशालीराम तिवारी) | |
---|---|
जन्म |
1800 सदी हिरनगाँव फिरोजाबाद |
मृत्यु |
अज्ञात हिरनगाँव फिरोजाबाद उत्तर प्रदेश |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
गृह स्थान | हिरनगाँव फिरोजाबाद उत्तर प्रदेश |
उत्तराधिकारी | श्रीराम तिवारी, बद्रीप्रसाद तिवारी, उमाशंकर तिवारी |
जीवनसाथी | केसरि तिवारी |
बच्चे | श्रीराम तिवारी, बद्रीप्रसाद तिवारी, उमाशंकर तिवारी |
माता-पिता | पंडित तेजसिंह तिवारी |
Notes *** |
पंडित खुशालीराम तिवारी (जन्म 1800 सदी)- का जन्म उत्तर प्रदेश में आगरा जिले के अंतर्गत हिरनगऊ (वर्तमान राजस्व ग्राम-हिरनगाँव) नामक ग्राम में एक जमींदार ब्राह्मण परिवार में हुआ था। पिता का नाम पंडित तेजसिंह तिवारी था भाइयों का नाम पंडित उमरावसिंह तिवारी, रामलाल तिवारी, देवीराम तिवारी था
बचपन से ही यह स्वतंत्र स्वभाव के थे यह किसी व्यक्ति पर अत्याचार होते नहीं देख सकते थे यदि किसी व्यक्ति के साथ अत्याचार होता था तो यह उस अत्याचारी से लड़ने झगड़ने लगते थे ग्राम के कायस्थों से इनका कई बार झगड़ा हुआ इनके पिता उनको समझाया करते थे कि बेटा झगड़ा नहीं करते परंतु कुछ समय के लिए तो यह अपने पिता की बात मान लेते परंतु उसके बाद फिर वही कार्य करने लगते सन 1872 मैं फिरोजाबाद नगर की आबादी 14255 थी
सन 1880 में पहली बार रामलीला, (रामलीला ग्राउंड) फिरोजाबाद में हो रही थी और यह अपने पिताजी से रामलीला देखने की जिद करने लगे और कहने लगे कि ग्राम के कई बच्चे रामलीला देखने जा रहे हैं मैं भी उनके साथ रामलीला देखने जाऊंगा पिताजी ने अपने पुत्र की जिद को मान लिया और इनको रामलीला देखने फिरोजाबाद रामलीला मैदान मैं ग्राम के बच्चों के साथ जाने दिया और जब यह रामलीला देख कर लौटे तब पिताजी ने इनसे पूछा कि बेटा रामलीला कैसी लगी तब इन्होंने बड़े खुश हो कर बताया के पिताजी रामलीला बहुत अच्छी थी सन 1881 मैं फिरोजाबाद नगर की आबादी 16023 थी
इनका विवाह बड़े धूमधाम से ग्राम लुहारी (जिला फिरोजाबाद) से श्रीमती केसरि तिवारी के साथ संपन्न हुआ कुछ समय बाद इनके यहां तीन पुत्र रत्न एवं धनलक्ष्मी रूपी पुत्रियां रूपनिशा उर्फ रूपा तिवारी (जन्म 1895), दुलारो तिवारी (जन्म 1896), बैकुंठी तिवारी(जन्म 9 मार्च 1914) जन्म हुई अपनी एक पुत्री की शादी उत्तर प्रदेश आगरा जनपद निवासी ग्राम आंवलखेडा केे पंडित रूप किशोर शर्मा जी के बड़े सुपुत्र के साथ कर दी रूप किशोर शर्मा जी के छोटे पुत्र का नाम पंडित श्रीराम शर्मा (अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक / संरक्षक ) था तीसरी पुत्री की शादी पेतपुरा मैं कर दी एवं एक पुत्री की शादी खंदौली मैं कर दी अपनी पुत्रियों की शादी करके वह पुत्री शादी दायित्वों से मुक्त हो गए थे पुत्रो का नाम श्रीराम तिवारी, बद्रीप्रसाद तिवारी, उमाशंकर तिवारी रख दिया
भगवान श्री राम का मन में भाव प्रकट किए हुए अपने बड़े पुत्र का नाम पंडित श्रीराम तिवारी रखा अपने तीनों पुत्रोंं को ग्राम की पाठशाला में पढ़ाया हिरनगऊ ग्राम की पाठशाला में पंडित कल्याण प्रसाद बच्चों को बढ़ाने का कार्य करते थे उस समय पंडित कल्याण प्रसाद वरिष्ठ अध्यापक थे पंडित खुशालीराम तिवारी की ख्याति बहुत दूर दूर तक फैली हुई थी "एक दिन कुछ ग्रामवासी इनके पास आए और इनसे ग्राम की पाठशाला में पढ़ने वाले बच्चों की व्यथा सुनाने लगे की हिरनगऊ (वर्तमान राजस्व ग्राम-हिरनगाँव) प्राथमिक पाठशाला मैं पानी भर जाता है और बच्चों के बैठने की सही व्यवस्था नहीं है पाठशाला की जमीन शिक्षण कार्य करने हेतु कम है यह सुनकर पंडित खुशालीराम तिवारी द्वारा अपनी जन्मभूमि के बच्चों के भविष्य को देखते हुए अपनी कुछ जमीन हिरनगऊ प्राथमिक पाठशाला को मौखिक रूप से दान में दे दी थी जिस पर वर्तमान में प्राथमिक पाठशाला सुशोभित है
दिनांक 19 मई 1941 दिन सोमवार को श्रीमती केसरि तिवारी पत्नी खुशालीराम तिवारी की मृत्यु ग्राम हिरनगऊ (वर्तमान राजस्व ग्राम-हिरनगाँव) में हो गई इसके उपरांत श्रीमती केसरि तिवारी के पुत्र मातृभक्त श्रीराम तिवारी द्वारा इनकी समाधि का निर्माण हिरनगऊ (वर्तमान राजस्व ग्राम-हिरनगाँव) में कराया इनकी मृत्यु पर लेखक पंडित बेनीप्रसाद गौतम काव्य सुधाकर (उलाऊ) द्वारा कहां गया :-
सती शिरोमणि- सरलचित ................ जंजाल
जाइवसी सुरलोक विच "केसरि" केहि सुरमात ।
संदर्भ
1 https://www.geni.com/people/Pandit-Khusaliram-Tiwari/6000000128750502916
2[https://www.wikizero.com/hi/%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%B0%E0%A4%A8%E0%A4%97%E0%A4%BE%E0%A4%81%E0%A4%B5
4 https://in.vaskar.co.in/933095/1/%E0%A4%96%E0%A5%81%E0%A4%B6%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A5%80%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AE-%E0%A4%A4%E0%A4%BF%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%80.html स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।