डा. आर. एन. कालरा
डा. आर. एन. कालरा (अंग्रेजी Dr. R. N. Kalra, पंजाबी ਡਾ. ਆਰ. ਐਨ. ਕਾਲਰਾ) (जन्म (11th अप्रैल 1949) भारतीय ह्रदय रोग चिकित्सक (अंग्रेजी Cardiologist) है जिन्होने भारत मे ह्रदय रोगो की चिकित्सा के प्रसार में योगदान दिया है। उन्होंने नि:शुल्क चिकित्सा कैम्पों एवं नि:शुल्क ओपीडी के जरिए पिछले 25 वर्षों में डेढ़ लाख से अधिक मरीजों का नि:शुल्क इलाज किया है। उन्हें हृदय रोगों की चिकित्सा के क्षेत्र में 30 वर्ष से अधिक का अनुभव है और उन्हें 1999 में पूर्वी—पश्चिमी दिल्ली में 1999 में प्रथम कैथ लैब (अंग्रेजी Cath lab)शुरू करने का श्रेय जाता है। [१]
डा. कालरा ने 1990 में कालरा हास्पीटल एवं श्री राम कार्डियो थेरेसिक न्यूरोसाइंसेस सेंटर की स्थापना की। इस अस्पताल के जरिए वह उन मरीजों को निःशुल्क चिकित्सा प्रदान कर रहे हैं जो चिकित्सा का खर्च नहीं वहन कर सकते हैं। उन्होंने 1998 में सामुदायिक आउटरीच कार्यक्रम की शुरूआत की जिसका उद्देश्य जीवन शैली प्रबंधन, तनाव प्रबंधन और जीवन रक्षक उपायों के बारे में आम लोगों को प्रशिक्षण प्रदान करना है तथा देश भर में गरीब मरीजों को उनके घर के पास निःशुल्क चिकित्सा सेवा प्रदान करना है। उन्होंने अब तक 11 हजार से अधिक एंजियोग्राफी और 5 हजार से अधिक एंजियोप्लास्टी किया है, जो कि एक रेकार्ड है।
आरंभिक जीवन
आर एन कालरा का जन्म 11 अप्रैल, 1949 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के रेवाडी मे हुआ था। उनके पिता, स्वर्गीय तुलसी दास कालरा चमड़े के व्यावसायी थे और उनकी माता स्वर्गीय जमुना दास गृहणी थी। अच्छे व्यवसाय की तलाष में उनका परिवार 1967 में रेवाडी से दिल्ली आ गया। बचपन में आर एन कालरा को दिक्कतों का सामना करना पड़ा लेकिन आर्थिक दिक्कतों के बावजूद उन्होंने चिकित्सा में उच्च शिक्षा एवं प्रशिक्षण हासिल किया। उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा रेवाडी के हिन्दू हाई स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद अपनी माध्यमिक शिक्षा रेवाडी के ही किशन लाल पब्लिक कॉलेज से प्राप्त की। उनकी गणित में रूचि थी लेकिन उनके पिताजी ने उन्हें मेडिकल की षिक्षा हासिल करने को कहा। अपने पिताजी की आज्ञा के अनुसार उन्होंने 1967 में हरियाणा के रोहतक स्थित मेडिकल कालेज से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने 1978 से दिल्ली विश्वविद्यालय से एमडी (मेडिसीन) की डिग्री ली। इसके बाद 2006 में ब्रिटेन के ग्लासगोव से रॉयल कॉलेज आफ फिजिशियंस आफ लंदन (एफआरसीपी) की प्रतिष्ठित उपाधि हासिल की। फिर उन्होंने 2012 में अमरीका के शिकागो से फेलो आफ द अमेरिकन कॉलेज आफ कार्डियोलॉजी (एफएसीसी) की उपाधि प्राप्त की।
चिकित्सक के रूप में कार्य
डा. कालरा नई दिल्ली के कीर्तिनगर स्थित कालरा हास्पीटल एवं श्री राम कार्डियो थेरेसिक न्यूरोसाइंसेस सेंटर (एसआरसीएनसी) के चिकित्सा निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ)[२] हैं। उन्होंने हृदय रोग चिकित्सक (कार्डियोलॉजिस्ट) के रूप में अपनी यात्रा की शुरूआत 1976 में की। उन्होंने आरंभ में गोविन्द बल्लभ पंत अस्ताल, नई दिल्ली सहित अनेक सरकारी अस्पतालों में कार्डियोलॉजिस्ट के रूप में काम किया। उन्होंने 1990 में कालरा हास्पीटल की स्थापना की। उस समय यह 25 बिस्तरों का हास्पीटल था जो अब बढ़कर 150 बिस्तरों का अस्पताल बन गया है। उन्होंने 11 हजार एंजियोग्राफी तथा 5000 से अधिक एंजियोप्लास्टी की। वह सर्वधर्म में विश्वास करते हैं और सभी धर्मों को आदर एवं सम्मान करते हैं। कालरा हास्पीटल में उन्होंने एक विशेष मंदिर की स्थापना की है जहां हर दिन धार्मिक कार्यक्रम होते हैं और जिनमें सभी धर्म के लोग हिस्सा लेते हैं।
निजी जीवन
उनकी धर्मपत्नी संजिता कालरा कालरा हास्पीटल के प्रशासनिक एवं वित्तीय प्रबंधन की देखरेख करती है। उनका बड़ा पुत्र डा. अंकुर कालरा इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट और स्ट्रक्चरल हार्ट डिजिज का विशेषज्ञ है और क्लेवलैंड विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर हैं और उनकी पत्नी डा. कुनाल कालरा अमरीका में नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं। उनका छोटा पुत्र डा. अंकित कालरा गुडगांव के मेदांता हास्पीटल से डीएनबी कार्डियोलॉजी में फेलोशिप कर रहा है और उनकी पत्नी डा. संचिता कालरा एमबीए फिनांस कर रही है और कालरा हास्पीटल के वित्तीय मामलों की देखरेख कर रही हैं।
समाजिक कार्य
आर एन कालरा ने कारगिल युद्ध के दौरान आर्मी विडो रिलीफ फंड और प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोश में योगदान दिया।
वह शारीरिक रूप से विकलांग लोगों को विशेष चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। उनके नेतृत्व में कालरा हास्पीटल की आर से हर सप्ताह दिल्ली और एनसीआर में नि:शुल्क मेडिकल चेकअप कैम्प आयोजित किया जाता हैं जिनके जरिए अब तक करीब डेढ लाख से अधिक मरीजों का इलाज किया जा चुका है। इन कैम्पों में यथासंभव मरीजों का पूरी तरह से नि:शुल्क इलाज किया जाता है। इसके अलावा 9 से 10 बजे तक अस्पताल में रोजाना निःशुल्क ओपीडी लगाई जाती है और जो लोग इलाज का पूरा खर्चा बर्दाश्त नहीं कर सकते उनका काफी रियायती दर पर अथवा जरूरी होने पर नि:शुल्क इलाज किया जाता है।
पुरस्कार
1985 में कैम्ब्रिज, इंगलैंड में सर्टिफिकेट आफ बेस्ट सर्विसेज टू कम्युनिटी
1990 में लायन्स क्लब दिल्ली की ओर से उल्लेखनीय सेवाओं के लिए एप्रिसिएशन अवार्ड
वर्ष 1994 में दिल्ली में इंटरनेशलनल फ्रेंडशिप सोसायटी आफ इंडिया की अेर से मानव जीवन को समृद्ध बनाने तथा उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए विजय रत्न अवार्ड
09 फरवरी, 1997 को दिल्ली डाक्टर्स एसोसिशन की ओर से विशिष्ट सेवा पुरस्कार
1982 में अमरिकन बायोग्राफिकल इंस्टीच्यूट एंड रिसर्च सेंटर की ओर से
वर्ष 2017 में हार्वड स्क्वायर की ओर से मेम्बर लीडर एक्सीलेंस
वर्ष 1999 में माइकल मधुसुदन एकेडमी, कोलकाता की ओर से माइकल मधुसूदन बेस्ट फिलैनथ्रोपिस्ट अर्वाड
वर्ष 2000 में भारतीय आर्थिक विकास एवं अनुसंधान संगठन, नई दिल्ली की ओर से राष्ट्रीय विकास रत्न अर्वाड
नवम्बर 2001 में तमिलनाडु एवं असम के पूर्व राज्यपाल के हाथों इंदिरा गांधी सदभावना अवार्ड से सम्मानित
सात अप्रैल, 2002 को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से प्रीसिडेंट्स एप्रीसिएशन अवार्ड
14 फरवरी, 2003 को दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री श्रीमती शीला दीक्षित के हाथों मेरिटोरियस सर्विसेस अवार्ड
वर्ष 2004 में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में आईएमए की ओर से एप्रीसिएशन अवार्ड
वर्ष 2010-11 में दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन की ओर से बेस्ट फीजिशियन आफ द ईयर अवार्ड
वर्ष 2015 में मानवाधिकार परिषद की ओर से एशिया बेस्ट कार्डियोलॉजिस्ट अवार्ड
वर्श 2016 में विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रीय गौरव अवार्ड