विंडोज़ और लिनक्स की तुलना
लिनक्स और विण्डोज दोनों प्रचालन तंत्र हैं किन्तु दोनों में बहुत सारी भिन्नताएँ हैं।
लिनक्स, यूनिक्स के जैसे प्रचालन तन्त्रोँ के परिवार से सम्बन्धित है। लिनक्स के विकास के परिणामस्वरूप निःशुल्क एवं मुक्तस्रोत सॉफ्टवेयर आन्दोलन आरम्भ हुआ। कोई भी इसके सभी सोर्सकोड का मनचाहा इस्तेमाल कर सकता है, उसमें परिवर्तन कर सकता है, उसका व्यावसायिक या गैर व्यावसायिक तौर पर पुन: वितरण कर सकता है। उबन्तू, फेडोरा, मिंट और ओपन एसयूएसई आदि कई रूपों में उपलब्ध है।
इसके अतिरिक्त लिनक्स कई तरह के कंप्यूटरों में इन्स्टॉल किया जा सकता है, जिनमें मेनफ्रेम, टेबलेट और सुपरकंप्यूटरों के अतिरिक्त मोबाइल फोन भी शामिल हैं। वैसे लिनक्स का मुख्यत: इस्तेमाल सर्वर सिस्टमों में होता है। इन खूबियों के बावजूद अधिकांश डेस्कटॉप कंप्यूटरों में माइक्रोसॉफ्ट विंडोज इस्तेमाल होते हैं।
डेस्कटॉप लिनक्स सिस्टम में आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले सॉफ्टवेयरों में मोजिला फायरफॉक्स वेब ब्राउजर, ओपनऑफिस डॉट ओआरजी ऑफिस एप्लीकेशन और जीआईएमपी इमेज एडिटर हैं।
विण्डोज उपयोग में मित्रवत है, लेकिन लिनक्स में कई विशेष सुविधाएं हैं जो दूसरों की तुलना में इसे और अधिक वर्चस्व बनाते हैं। लिनक्स को अपने प्रदर्शन को सुधारने के लिए कभी भी रिबूट करने की आवश्यकता नहीं होती अर्थात इसके प्रदर्शन को बनाए रखने के लिए बार-बार इसे फिर से शुरू करने की ज़रूरत नहीं है। मेमोरी लीक के कारण यह धीमा नहीं होता या फ्रीज नहीं हो जाता। लिनक्स की अपनी सॉफ्टवेयर रेपॉशीटरी (कोश) है जिससे आप किसी भी श्रेणी (प्रकार) का सॉफ्टवेयर आसानी से खोज सकते हैं। अतः इस पर काम करने वाले सॉफ्टवेयर खोजना और इन्स्टाल करना निःशुल्क और आसान है। केवल लिनक्स अच्छी तरह से काम कर सकता है, भले ही हार्ड डिस्क पूरी हो, जो अन्य प्रचालन तन्त्र के लिए असंभव है।
विन्डोज प्रचालन तन्त्र की तुलना में लिनक्सिस की बूट सिस्टम बहुत तेज है। लिनक्स की विश्वसनीयता के कारण, यह किसी भी अन्य प्रचालन तन्त्र की तुलना में नेटवर्क को तेज बनाता है।
विन्डोज में वाइरस की बड़ी समस्या है किन्तु लिनक्स में नहीं के बराबर।