बंजारा भाषा

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
imported>Bharat0078 द्वारा परिवर्तित १४:१२, १६ जनवरी २०२२ का अवतरण
(अन्तर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अन्तर) | नया अवतरण → (अन्तर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

बंजारा राजस्थानी भाषा की एक बोली है जो पहले पूरे भारत के बंजारों द्वारा बोली जाती थी। इसलिए इसे बंजारा बोली भी कहते हैं। इसके अलावा इसे 'लमाणी', 'लंबाडी' और 'गोरमाटी' भी कहते हैं। यह मारवाड़ी से मिलती जुलती बोली है, इसका मुुख्य कारण यह बताया जाता है कि, बंजारा गौर समुदाय का राजस्थान ही उदगम स्थल माना जाता है| बंजारा गौरमाटी यह बोली पुुुुरे भारत मे बोली जाती है, जो गौर बंंजारा समुदाय की मातृृृभाषा मानी जाती है|

इसकी क्षेत्रीय बोलियाँ भी हैं। महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना और आन्ध्र प्रदेश, पंजाब में इसको वहाँ की स्थानीय लिपियों में लिखा जाता है। बंजारा गौरमाटी भाषा में आज बड़े पैमाने पर साहित्य निर्माण हो रहा हैै, यह बंजारा बोली केे लिए बड़ी उपलब्धी होगी |