जीवित जड़ सेतु
जीवित जड़ सेतु | |
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निर्देशांक | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
आयुध सर्वेक्षण राष्ट्रीय ग्रिड | साँचा:gbmappingsmall |
वहन | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
पार | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
स्थान | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
आधिकारिक नाम | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
नामस्रोत | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
मालिक | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
रखरखाव | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
विरासत स्थिति | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
पहचान अनुक्रामक | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
प्रतिप्रवाह सेतु | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
अनुप्रवाह सेतु | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
लक्षण | |
सामग्री | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
गर्त निर्माण | पाषाण |
कुल लम्बाई | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
चौड़ाई | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
ऊँचाई | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
दीर्घतम स्पैन | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
स्पैन संख्या | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
वहन क्षमता | ५०० लोग तक |
सेतु फर्श के नीचे | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
अधिकतम आयुकाल | ५०० वर्षों से अधिक |
व्यास | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
रेल | |
रेल गेज | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
इतिहास | |
वास्तुशास्त्री | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
डिज़ाइनर | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
निर्माणकर्ता | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
निर्माण लागत | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
खुला | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
उद्घाटन | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
बंद हुआ | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
ध्वस्त हुआ | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
जिसे हटाकर बना | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
जो इसके स्थान पर बना | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
सांख्यिकी | |
टोल | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
जीवित जड़ सेतु भारत के पूर्वोत्तर राज्य मेघालय के दक्षिणी भाग स्थित स्थानीय जनजाति के लोगों द्वारा जीवित वृक्षों की जड़ों से बनाये गये पुल हैं। जीवित वृक्षों की जड़ो को अनुवर्धित कर इन्हें जलधारा के आर पार एक सुदृण पुल में परिवर्तित कर देते हैं।[१] समय के साथ ये और भी मजबूत होते जाते हैं। ये पुल मेघालय के चेरापूँजी, नोन ग्रेट,लात्संयू आदि स्थानों पर देखे जा सकते हैं।
मेघालय के जनजातीय क्षेत्रों में रहने वाले लोग वहां उगने वाले बृक्षों की जड़ों और शाखाओं को एक दूसरे से सम्बद्ध कर पुल का रूप दे देते हैं। इस प्रकार के पुल ही जीवित जड़ पुल कहलाते हैं। इनको बनाने में रबर फ़िग (फ़ाइकस इलास्टिका[२][३]) वृक्ष की हवाई जडों का प्रयोग किया जाता है और इनका निर्माण खासी एवं जयन्तिया जनजाति के लोग ही किया करते हैं। [४][५]हम इस पेड को रबर के पेड की श्रेणी का भी मान सकते हैं । ऐसे पुलो में से कुछ की लम्बाई सौ फुट तक है । जहां खासी लोगो को जरूरत होती है इस पेड की जडो को वे दिशा देते हैं और काफी समय भी । बहुत सालो में जाकर ये पेड इस स्थिति में आ जाते हैं कि दोनो किनारो के पेडो की जडें आपस में बंध जाती हैं । ये इतने जानदार भी होते हैं कि 50 लोगो का वजन एक साथ सह सकते हैं
ऐसे सेतु नागालैण्ड में भी मिलते हैं।[६] भारत के अलावा इंडोनेशिया में जेम्बाटन अकार द्वीप पर सुमात्रा, और जावा के बन्तेन प्रान्त में बादुय लोगों द्वारा भी ऐसे सेतु बनाये जाते हैं।[७] [८]
चित्र दीर्घा
संदर्भ
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बाहरी सूत्र ==
- "रहने प्राकृतिक जड़ Bridgew में मेघालय"
- living root bridge , meghalaya ,लीविंग रूट ब्रिज , मेघालय
- "प्रकृति के चमत्कार: लिविंग रूट पुलों के चेरापूंजी" अविश्वसनीय-facts.com
- "रहने की जड़ पुल" भी रहने अंजीर सीढ़ी के रूप में अच्छी तरह के रूप में पुल
- "रहने की जड़ पुलों के चेरापूंजी" पर inhabitat.com
- "रहने की जड़ पुलों पर चेरापूंजी में Megahalya" पर blotub.com
- https://web.archive.org/web/20170905001717/https://livingrootbridges.com/
- वीडियो क्लिप का चित्रण प्रशिक्षण की जड़ों द्वारा, बांस के मचान विधि में, एक मौजूदा रूट ब्रिज डेटिंग करने के लिए 1840 में गांव के Nohwet में पश्चिम खासी हिल्स जिला, मेघालय, भारत. से बीबीसी's यात्रा दिखाने 2017 प्रकरण "भारत: दो प्रकरण".