नागरी लिपि सुधार समिति
imported>संजीव कुमार द्वारा परिवर्तित १४:३४, २३ जुलाई २०२० का अवतरण (Rabindra Nath Sulanki (Talk) के संपादनों को हटाकर InternetArchiveBot के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया)
नागरी लिपि सुधार समिति की स्थापना १९३५ में काका कालेलकर की अध्यक्षता में हुई। उन्होने हिन्दी साहित्य सम्मेलन में हिन्दी, मराठी तथा गुजराती के लिए एक ही लिपि बनाने की दिशा में कुछ सुझाव दिए।[१]