जयराम सिंह

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
imported>WikiPanti द्वारा परिवर्तित १०:४४, ७ अप्रैल २०२० का अवतरण (टैग {{स्रोतहीन}} लेख में जोड़ा जा रहा (ट्विंकल))
(अन्तर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अन्तर) | नया अवतरण → (अन्तर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

जयराम सिंह (8 अगस्त 1928-8 दिसंबर 2006) 'मगही भाषा के कवि हैं। इन्हें 'मगही कोकिल'के नाम से जाना जाता है। इनका जन्म वजीरगंज (गया) के कारीसोवा गांव में हुआ था। पेशे से प्राचार्य रहे जनकवि जयराम की चार पुस्तकें ‘भुरुकवा उग गेल’, ‘त्रिवेणी' ‘पुरहर पल्लो’और 'चिजोर' प्रकाशित हैं। मगही आलोचक और साहित्यकार डा. भरत सिंह ने इनको ‘लोकचेतना का गायक’ तो प्रो. शिवेन्द्र नारायण सिंह ने इनको दलित वेदना का कवि कहा है। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से हिंदी और संगीत में स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की। मगही भाषा में काव्य रचना करने के लिए इन्हें राहुल सांकृत्यायन ने प्रेरित किया। संदर्भ: चिजोर, अन्नपूर्णा प्रकाशन