निर्वचन (तर्क)
तर्कशास्त्र, गणित व कम्प्यूटर विज्ञान में निर्वचन (interpretation) किसी औपचारिक भाषा के चिन्हों के साथ अर्थ जोड़ने की प्रक्रिया को कहते हैं। अधिकांश औपचारिक भाषाएँ केवल वाक्यविन्यास (सिन्टैक्स) द्व्रारा ही परिभाषित होती हैं और उनमें कोई निहित अर्थ नहीं होता। अर्थ समझने के लिये चिन्हों के साथ अर्थ जोड़ना आवश्यक होता है।[१][२]
उदाहरण
हम एक <math>\mathcal{W}</math> नामक औपचारिक भाषा बना सकते हैं, जिसकी वर्णमाला <math>\alpha = \{ \triangle, \square \}</math> है, और उसका एक नियम है कि इस भाषा में सुनिर्मित शब्द <math>\triangle</math> से आरम्भ होने चाहिये और उसके बाद भाषा की वर्णमाला से लेकर कोई भी चिन्ह जितनी बार चाहे डाला जा सकता है। अब, परिणामस्वरूप, इस भाषा के कुछ शब्द होंगे: <math>\triangle</math><math>\triangle</math>, <math>\triangle</math><math>\square</math>, <math>\triangle</math><math>\square</math><math>\square</math><math>\square</math><math>\triangle</math>। यदि <math>\square</math><math>\triangle</math> शब्द देखा जाए जो यह भाषा का शब्द नहीं है क्योंकि यह नियम-उल्लंघन करता है।
अब इस भाषा का एक सम्भव निर्वचन यह हो सकता है कि हम <math>\square</math> को '0' और <math>\triangle</math> को '1' क अर्थ दे सकते हैं। अगर ऐसा करें तो <math>\triangle</math><math>\square</math><math>\square</math><math>\square</math><math>\triangle</math> का अर्थ '10001' बनता है।