अंजू बाला (राजनीतिज्ञ)

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
imported>EatchaBot द्वारा परिवर्तित १७:२०, २९ फ़रवरी २०२० का अवतरण (बॉट: पुनर्प्रेषण ठीक कर रहा है)
(अन्तर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अन्तर) | नया अवतरण → (अन्तर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
डॉ० अंंजू बाला
अंगूठाकार|मोदी जी के साथ सांसद अन्जू बाला

मिश्रिख लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से
भारतीय सांसद
पद बहाल
16 मई 2014 – 24 मई 2019
पूर्वा धिकारी अशोक कुमार रावत
उत्तरा धिकारी अशोक कुमार रावत

जन्म साँचा:br separated entries
राष्ट्रीयता भारतीय
राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी
जीवन संगी साँचा:marriage
बच्चे 1 पुत्री
1 पुत्र
पेशा राजनीतिज्ञ, प्रशासनिक सेवा
जालस्थल www.dranjubala.com
साँचा:center
As of 15 अक्टूबर, 2015

डॉ० अंजू बाला (जन्म ९ सितम्बर, 1979 कठुआ, जम्मू-कश्मीर, भारत) एक राजनैतिक चेहरा है जोकि भारत की सोलहवीं लोकसभा में सांसद हैं।
2014 के चुनावों में इन्होंने उत्तर प्रदेश की मिश्रिख लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी की ओर से भाग लिया और 87 हजार 363 वोटों से अपने प्रतिद्वंदी अशोक कुमार रावत को मात दी, मिश्रिख लोकसभा सीट से 2014 में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव जीतने वाली अंजू बाला का संसद में प्रदर्शन और भी बेहतर रहा, 8 जनवरी 2019 तक चले सत्र के दौरान उन्होंने 98.44 फीसदी उपस्थिति दर्ज कराई इस दौरान 321 दिन चले सत्र में वो 316 दिन उपस्थित रहीं जिसके अंतर्गत उन्होंने 232 सवाल उठाए और 125 बहस में हिस्सा लिया ।

आरंभिक राजनीतिक जीवन

चित्र:Anju bala in 2015.jpg
अन्जू बाला अन्य महिला सांसदों के साथ

इन्होने 2010 में इन्होने सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया और उत्तर प्रदेश के मल्लावां क्षेत्र से ब्लॉक प्रमुख चुनी गईं। तीन साल बाद वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गईं और अगले ही वर्ष लोकसभा के लिए चुनी ली गईं।

लोकसभा मिश्रिख में कुल मिलाकर पांच विधानसभाएं आती हैं जिसमें बिल्हौर विधानसभा में अन्जू बाला को सबसे ज्यादा बढ़त मिली और अन्जू बाला बिल्हौर विधानसभा में अधिक लोकप्रिय हो गईं।
अपनी लोकप्रियता एवं नरेन्द्र मोदी जी के लोकप्रिय नेतृत्व में लोकसभा के अंतर्गत आने वाली सभी विधानसभाओं में कमल खिला दिया और एक बाफ फिर 2017 के विधानसभा चुनाव में अपने कुशल कार्य क्षमता का प्रदर्शन किया जम्मू-कश्मीर के कठुआ नगर में जन्म होने के कारण अंजू बाला कश्मीर के हालातों से अत्यधिक परिचित हैं और कश्मीर में अलगाववाद की समस्या को देश की सबसे बड़ी समस्या मानती हैं ।

सन्दर्भ