विभज्योतक
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पादप ऊत्तक दो प्रमुख प्रकार के होते हैं - (१) विभाज्योतक (Meristematic) तथा (२) स्थाई ऊतक या अविभाज्योतक। विभाज्योतकों में विभाजन क्षमता पाई जाती है । यह ऊत्तक पौधे में वृद्धि और विकास के लिए उत्तरदायी होता है ।
विभाज्योतक प्रमुखतः तीन प्रकार पाए जाते हैं जो निम्नलिखित हैं-
(i) शीर्ष विभाज्योत्तक (Apical meristem)
- यह ऊत्तक पादप के शीर्ष भाग और जड़ों की कोशिकाओं में पाया जाता है!
- यह उत्तक पौधे की "प्राथमिक वृद्धि" के लिए उत्तरदायी होता है!
- इस ऊतक का निर्माण प्राथमिक विभज्योतिकी के द्वारा होता है।
(ii) पार्श्व विभाज्योत्तक (Lateral meristem)
- यह तने और जङ की मोटाई के लिए उत्तरदायी होता है!
- यह पौधे की "द्वितीयक वृद्धि" के लिए उत्तरदायी उत्तक है!
- यह कॉर्क कैम्बियन के रूप में छाल ( Bark ) के नीचे पाया जाता है।
(iii) अन्तर्वेशी (intercalary meristem)
- किसी पौधे की Node(गांठ) के पास नई शाखा /पत्तियों के निकलने के लिए उत्तरदायी उत्तक यही होता है!
- अन्तर्वेशी विभज्योतक ऊतक पर्वसंधियों पर पाए जाते है।
- ये घास कुल ( चावल, मक्का, गन्ना इत्यादि ) के पौधो में पाए जाते हैं।
स्थाई उत्तक भी दो प्रकार के होते हैं-
(i) Simple (साधारण उत्तक)
(ii) Complex(जटिल उत्तक)