नीती माणा
नीती और माणा | |
— सीमान्त गाँव — | |
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०) | |
देश | साँचा:flag |
राज्य | उत्तराखण्ड |
ज़िला | चमोली जिला |
जनसंख्या • घनत्व |
१,२०० • साँचा:convert |
लिंगानुपात | 862 ♂/♀ |
क्षेत्रफल • ऊँचाई (AMSL) |
• साँचा:m to ft |
जलवायु तापमान • ग्रीष्म • शीत |
ऑलपाइन आर्द्र अर्ध-उष्णकटिबन्धीय (कॉपेन) • साँचा:legend0 • साँचा:legend0 • साँचा:legend0 |
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आधिकारिक जालस्थल: uttarakhandtourism.gov.in |
साँचा:coord नीती तथा माणा भारतवर्ष के उत्तर में सीमान्त गॉंवों के नाम हैं। ये दोनों गॉंव उत्तराखण्ड प्रदेश के चमोली नामक जिले के उत्तरी क्षेत्र में स्थित हैं। भारत के अन्तिम गॉंव तथा देवभूमि की रमणीक हिमालयी प्राकृतिक विरासत के लिये प्रसिद्ध हैं।[१][२][३][४]
ऐतिहासिक पृष्टभूमि
नीती व माणा भारत के अन्तिम और प्राचीन गॉंव होने के कारण इन दोनों गॉंवों का इतिहास भी प्राचीनतम है। यह दोनों गॉंव [[तिब्बत (चीन) के मुख्य दर्रे पर हैं। नीती माणा क्षेत्र प्राचीन भारत की आध्यात्मिक, ऐतिहासिक, व्यापारिक व रक्षा-सुरक्षा समेत कई अन्य गूढ़ रहस्यों से समाविष्ट है। यह दोनों गॉंव तिब्बत (चीन) के प्राचीन मुख्य दर्रे होने के कारण महत्वपूर्ण व्यापारिक क्षेत्र रहा है, जिनकी ऐतिहासिक पृष्टभूमि विस्तृत है।
भौगोलिक स्थिति
नीती माणा नामक दोनों गॉंव, जिन्हें भारत के अन्तिम गॉंव कहते हैं, भारत के उत्तरी छोर पर हैं। समुद्र सतह से क्रमश: 3600 तथा 3134 मीटर की ऊँचाई पर सरस्वती नदी के समीप स्थित हैं। अत्यन्त दुर्गम व हिमाच्छादित पहाडि़यों के कारण एक गॉंव से दूसरे गॉंव की दूरी लगभग 130 किलोमीटर है। यहॉं के निवासियों को भारत, तिब्बत तथा मंगोलिया से आये मिश्रित लोगों का वंशज माना जाता है। दोनों गॉंवों में माणा तिब्बत (चीन) के मुख्य दर्रे तथा राजमार्ग बन जाने के कारण बहुपरिचित है, जबकि नीती मुख्य दर्रे से दूर तथा अधिक संवेदनशील व प्रकृति के ओत-प्रोत है।
तापमान
हिमालय के सन्निकट होने के कारण यहॉं की जलवायु बहुत शीत्ण हैं। यहॉं का तापमान अकसर गर्मियों में 15 से 25 डिग्री तथा सर्दियों 5 से 19 डिग्री सैल्सियस के मध्य पाया जाता है। अन्य पहाड़ी तथा मैदानी क्षेत्र के पर्यटक के रूप आने वाले लोगों के लिये यहॉं पर मई से अक्टूबर के मध्य का समय उचित तथा स्वास्थ्यप्रद होता है।
सभ्यता, संस्कृति व निवासी
नीती माणा दोनों गॉंव हिमालयी क्षेत्र की ऐतिहासिक व सॉंस्कृतिक विरासत, ठेठ गढ़वाली सभ्यता व संस्कृति, पर्वतीय जीवन शैली तथा अलौकिक प्राकृतिक सौन्दर्य के लिए जाने जाते हैं। यहॉं के मूल निवासियों को भोटिये रौन्गपा, मार्छा तथा तोलछा कहा जाता है। सभी हिन्दू धर्मी लोग हैं। यहॉं के निवासियों का मुख्य व्यवसाय कृषि तथा पशु-पालन है, जिनमें अधिकॉंशत: हिमालयी भेड़ बकरियों का व्यवसाय है। समयापरिवर्तन के साथ-साथ अब व्यवसाय व नौकरी में भी पाये जाने लगे हैं। खान-पान, रहन-सहन, रीति-रिवाज तथा वेश-भूषा ठेठ हिमालयी गढ़वाल की परम्परागत विरासत है, जो आम भारतवासियों से भिन्न तथा यहॅं की स्थानीय धरोहर के रूप में विद्यमान है।
निकटवर्ती धार्मिक व प्राकृतिक आकर्षक केन्द्र
- नीलकंठ
- तप्तकुंड
- माता-मूर्ति मन्दिर
- गणेश-गुफा
- भीम-पुल
- नीती-मन्दिर
- फैला-मन्दिर, गमसाली
- पंचनाग-मदिर, बम्पा
- घन्ट्या-करण मन्दिर
- बाला-सुन्दरी मन्दिर
- वसुधारा
- ब्रह्म-कपाल
- शेष नेत्र
- काकभुषण्डी
- हनुमान-चट्टी
- पियार का मैदान
- मलारी
- नन्दा देवी, मन्दिर
- नन्दादेवी राष्ट्रीय अभयारण्य
- तपोवन
- फूलों की घाटी
निकटवर्ती अन्य गॉंव
- गजकोटी
- पथ्या
- घनटोली
- घुनॉंई
- पॉण्डु-केसर
- अरूड़ी-परूड़ी
- घाटा
- पिनौला
- घाघरिया
बोली भाषा
नीती माणा दोनों गॉंवों मे बोलचाल की मुख्य भाषा यानि बोली को गढ़वाली कहा जाता है, परन्तु हिन्दी में भी वार्तालाप का अभाव नहीं है। सरकारी कामकाज में बोलने व लिखने की भाषा हिन्दी है। अध्ययन व अध्यापन हिन्दी तथा अंग्रेजी दोनों भाषाओं में पाया जाता है।
आवागमन के स्रोत
वायु मार्ग
निकटतम जॉलीग्राण्ट विमानक्षेत्र देहरादून में है। जो नीति से लगभग 354 तथा माना से 316 किलोमीटर की दूरी पर है। जहॉ से सुविधानुसार टैक्सी अथवा कार द्वारा पहुंचा जा सकता है।
रेल मार्ग
हरिद्वार जंक्शन रेलवे स्टेशन, हरिद्वार से नीति गॉंव की दूरी लगभग 362 तथा माना गॉंव 325 किलोमीटर की दूरी पर है। दूसरा देहरादून रेलवे स्टेशन देहरादून में है, जहॉं से नीति गॉंव की दूरी 378 तथा माना गॉंव 341 किलोमीटर पर है। इन स्थानों से सुविधानुसार उत्तराखण्ड परिवहन की बस अथवा टैक्सी कार द्वारा आसानी से नीति माना लगभग 10-15 घंटों में पहुंचा जा सकता है।
सड़क मार्ग
दिल्ली के आनन्द विहार आईएसबीटी से नीति माना क्रमश: 564 तथा 524 किलोमीटर पर हैं। यहॉ के लिए उत्तराखण्ड परिवहन की बसें नियमित रूप से उपलब्ध होती हैं। जिनके द्वारा लगभग 15-20 घंटों के भीतर यहॉ पहुंचा जाता है। प्रदेश के अन्य स्थानों से भी बसों की सुविधाऐं उपलब्ध हैं।
अनुमति-पत्र
भारत की सुरक्षा मामलों से संवेदनशील क्षेत्र, अत्यन्त दुर्गम तथा शीत जलवायु होने के कारण नीती माणा गॉंवों की निर्धारित सीमा रेखा तक ही आम नागरिकों का भ्रमण अनुमतित है अर्थात किसी भी प्रकार के अनुमति पत्र की आवश्यकता नहीं होती। इन दोनों गॉंवों का भ्रमण वर्जित नहीं है, परन्तु सुरक्षा कारणों से दो ढाई किलोमीटर पूर्व आई. टी. बी. पी. के जवानों द्वारा सुरक्षाा जॉच अनिवार्य है। निर्धारित सीमा रेखा से आगे जाने के लिये उत्तराखण्ड सरकार के एस. डी. एम. कार्यालय, जोशीमठ से अनुमति प्राप्त करने के पश्चात भारत तिब्बत सीमा पुलिस के जवानों की निगरानी में विशिष्ट सीमा तक ही भ्रमण स्वास्थ्यप्रद होता है।