कड़वी हवा

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कड़वी हवा
चित्र:Kadvi-Hawa-01-306x393.jpg
निर्देशक नील माधव पंडा
निर्माता साँचा:ubl
लेखक नितिन दीक्षित
पटकथा नितिन दीक्षित
अभिनेता संजय मिश्रा (अभिनेता)
रणवीर शौरी
तिलोत्तमा शोम
भूपेश सिंह
छायाकार रामानुज दत्ता
संपादक जबीन मर्चेंट
स्टूडियो दृश्यम् फिल्म्स
प्रदर्शन साँचा:nowrap [[Category:एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "२"। फ़िल्में]]
  • 24 November 2017 (2017-11-24)
समय सीमा 99 मिनट
देश भारत
भाषा हिंदी

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कड़वी हवा नवंबर 2017 के आखिरी सप्ताह में रिलीज हुई एक हिंदी फिल्म है। फिल्म का निर्देशन नील माधव पांडा ने किया है जबकि इसके निर्माता दृश्यम फिल्म्स, अक्षय परीजा और नील माधव पांडा हैं। फिल्म जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर आधारित है। कड़वी हवा 24 नवंबर 2017 को रिलीज हुई। गंभीर विषय पर आधारित होने के बावजूद यह कला फिल्म या जलवायु परिवर्तन पर आधारित वृत्तचित्र नहीं है बल्कि मनोरंजन फिल्म है। अप्रैल 2017 में संपन्न हुए 64वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में नील माधव पांडा की ताजा फिल्म ‘कड़वी हवा’ का विशेष तौर पर जिक्र (स्पेशल मेंशन) किया गया।[१][२]

कहानी

फिल्म की कहानी दो ज्वलन्त मुद्दों के इर्द-गिर्द घूमती है- जलवायु परिवर्तन से बढ़ता जलस्तर व सूखा। फिल्म में एक तरफ सूखाग्रस्त बुन्देलखण्ड है तो दूसरी तरफ ओडिशा के तटीय क्षेत्र हैं। बुन्देलखण्ड पिछले साल भीषण सूखा पड़ने के कारण सुर्खियों में था। खबरें यह भी आई थीं कि अनाज नहीं होने के कारण लोगों को घास की रोटियाँ खानी पड़ी थी। कई खेतिहरों को घर-बार छोड़कर रोजी-रोजगार के लिये शहरों की तरफ पलायन करना पड़ा था। फिल्म में एक तरफ चंबल इलाके के नेत्रहीन वृद्ध बाबा हैं और दूसरी तरफ ओडिशा के तटिय क्षेत्र के गांव का गन्नू है। दोनों प्रकृति की मार से सहमे अपने घर-परिवार को बचाने के लिए जी जान से लगे हैं। एक की बेचैनी उसका बेबसी में दिखती है तो दूसरे की हृदयहीनता में। बाबा के बेटे पर बैंक का कर्ज चढ़ गया है। वो हर समय कर्ज चुकाने की चिंता में घिरा रहता है। दूसरी ओर बाबा को ये चिंता सता रही है कि कहीं उनका बेटा दूसरे किसानों की तरह मुसीबतों से तंग आकर आत्महत्या न कर ले। गन्नू बैंक का रिकवरी एजेंट है, जिसे गांव वाले यमदूत कहते हैं। लोग कहते हैं कि जो भी गांव उसके वसूली क्षेत्र में आता है, वहां दो-चार लोग तो अपनी जीवनलीला समाप्त कर ही लेते हैं। वह बाबा के गांव महुआ की वसूली का काम अपने हाथ में लेता है, क्योंकि वहां डबल कमीशन मिलता है। वह अपने परिवार को अगली बरसात से पहले अपने पास बुलाना चाहता है, क्योंकि उसके घर और परिवार को समंदर निगल चुका है। इसलिए वह वसूली में कोई दया नहीं दिखाता। बाबा इस खबर से डर जाते हैं और अपने बेटे को गन्नू से बचाने के लिए समझौता कर लेते हैं।[३]

कलाकार

‘कड़वी हवा’ में मुख्य किरदार संजय मिश्रा और रणवीर शौरी ने निभाया है। अपने अभिनय के लिये मशहूर संजय मिश्रा एक अंधे वृद्ध की भूमिका में हैं जो सूखाग्रस्त बुन्देलखण्ड में रह रहा है।[४]


निर्माण

हालांकि इस फिल्म की पटकथा पर इस फिल्म के निर्देशक नील माधव पांडा पिछले 8-9 वर्षों से काम कर रहे थे लेकिन इस फिल्म के निर्माण की घोषणा साल 2016 के नवंबर माह के दूसरे सप्ताह में की गई।

सन्दर्भ