कासूमीगौरा झील

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
imported>InternetArchiveBot द्वारा परिवर्तित ०५:२९, १६ जून २०२० का अवतरण (Rescuing 6 sources and tagging 0 as dead.) #IABot (v2.0.1)
(अन्तर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अन्तर) | नया अवतरण → (अन्तर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

साँचा:infoboxसाँचा:main otherसाँचा:main other

कासूमीगौरा झील और सूकुबा पर्वत, इनशिकी-शहर, जापान

कासूमीगौरा झील (साँचा:lang-ja) जापान की दूसरी सबसे बड़ी झील हैं, जो टोक्यो की उत्तर-पूर्व में 60 किमी दूर स्थित हैं। आधिकारिक तौर पर, कासूमीगौरा झील 167.63 किमी क्षेत्र में फैले जलक्षेत्र को दर्शाता हैं।[१][२] व्यापक अर्थ में, कासूमीगौरा झील, झील के एक समूह को संदर्भित करता हैं, जिसमें निशिरा (西浦) और दो अन्य छोटे झील, किटौरा (北浦; 35.16 किमी) और सोतोनासकौरा (外浪逆浦; 5.85 किमी), और उनसे जुड़ने वाली नदियाँ आदि शामिल हैं। इस हिसाब से झील का कुल क्षेत्र 220 किमी हो जाता हैं।[१][२]) झील के आसपास के लगभग 45% भूमि प्राकृतिक परिदृश्य हैं और 43.5% कृषि भूमि हैं।

इतिहास

कासूमीगौरा झील मूल रूप से खारे-पानी की अनूप झील थी, जोकि हिटचिगावा और टोन नदियों के माध्यम से प्रशांत महासागर से मिला हुआ था। 1963 में, इन नदियों के संगम के निकट एक फाटक का निर्माण कर झील को समुद्र के जल के स्रोतों से अलग कर दिया गया। नतीजतन, कासूमीगौरा झील की लवणता में कमी आती गई, और आज यह एक ताजे पानी की झील हैं। यह झील ईडो काल के दौरान अपने पारंपरिक मत्स्य पालन के लिए प्रसिद्ध थी। लेकिन आज, पानी की गुणवत्ता में गिरावट की वजह से मछली का उत्पादन काफी कम हो गया हैं, जो आंशिक रूप से 1963 में अलगाव के उद्देश्यों के लिए ज्वार फाटक बंद करने के कारण हुआ था।[३]

उपयोग

आज, कासूमीगौरा झील मछली पकड़ने, सिंचाई, पर्यटन, मनोरंजन और आसपास के सार्वजनिक और स्थानीय उद्योगों के लिए उपयोग किया जाता हैं। झुमके, जापानी आइसफिश, क्रूसीन कार्प, गोबी, जापानी ईल और नदी झींगे सहित, कई प्रकार की मछलियों को कासूमीगौरा झील से पकड़ा जाता हैं। सबसे लोकप्रिय क्रूसीन कार्प हैं, उसके बाद स्मेल्ट और गोबी आते हैं। कासूमीगौरा झील में सुंदर कासुमी ताजे पानी के मोती की खेती भी की जाती हैं। ये अपनी उच्च चमक और गुलाबी रंग के लिए जाने जाते हैं, जोकि चार साल की खेती की अवधि का परिणाम होता हैं। हालांकि, यह चीन से आयात सस्ते मोती से प्रतिस्पर्धा नहीं कर सका और 2006 में यहाँ मोती की खेती बंद कर दी गई।

कासूमीगौरा झील के पानी से लंबे समय से आसपास के जलोढ़ मैदानों और ऊपरी इलाकों में धान के खेतों कि जा रहा हैं, जोकि ज्वालामुखी कि राख की एक मोटी तह बनने से बनी हुई हैं। यहाँ प्राथमिक फसलें चावल और कमल गट्टे (एक स्थानीय फसल) की हैं। अन्य फसलों में टमाटर, ककड़ी, बैंगन, तरबूज, मक्का, कच्ची सोयबीन, मीठे आलू, कद्दू, डेइकॉन और मूंगफली शामिल हैं।

कासूमीगौरा झील से प्रति सेकंड़ 60 टन पानी उपलब्ध कराया जाता हैं; सबसे अधिक (83%) कृषि में उपयोग होता हैं, शेष (13%) स्थानीय उद्योग और (4%) ईबाराकी, चिबा और टोक्यो के प्रीफेक्चर्स में प्रदान किया जाता हैं।

चुनौतियाँ

कासूमीगौरा झील के लिए सुपोषण (यूट्रोफिकेशन) एक गंभीर समस्या हैं। 1982 में, कानून को इसे रोकने में मदद करने के लिए एक अधिनियमित पारित किया गया, जिसमें फॉस्फेट युक्त सिंथेटिक डिटर्जेंट के उपयोग और बिक्री पर प्रतिबंध और फैक्ट्रियों के अपशिष्ट प्रवाह में नाइट्रोजन और फास्फोरस सामग्री का नियंत्रण शामिल था। झील को बनाए रखने में सहायता के लिए, झील के आसपास और मुख्य प्रवाह वाली नदियाँ, जैसे सकुरा नदी (桜川) के तटीय इलाकों से गाद निकालने का काम किया जा रहा हैं।

सन्दर्भ

  1. साँचा:cite web
  2. साँचा:cite web
  3. Havens, K.E., P. Xie, T. Iwakuma, R.T. James, N. Takamura, T. Hanazato, and T. Yamamoto (2001). "Nutrient dynamics and the eutrophication of shallow lakes Kasumigaura (Japan), Donghu (PR China), and Okeechobee (USA)". Environmental Pollution. 111(2):263–272.

बाहरी कड़ियाँ