दीना वाडिया

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दीना वाडिया
चित्र:Fatima and Dina Jinnah at the funeral of Muhammad Ali Jinnah.jpg
१९४८ में जिन्ना की मृत्यु के बाद दीना (बाएं) तथा उनकी बुआ फातिमा जिन्ना (दाएं)
जन्म 15 August 1919
लन्दन, इंगलैंड, यूके
मृत्यु साँचा:death date and age
न्यू यॉर्क, संयुक्त राज्य
मृत्यु का कारण न्यूमोनिया
जीवनसाथी साँचा:marriage[१][२]
बच्चे 2
माता-पिता मुहम्मद अली जिन्ना
रतनबाई जिन्ना
संबंधी जिन्ना—वाडिया परिवार
दीना वाडिया (सितम्बर १९४८ में)

दीना वाडिया (15 अगस्त 1919 – 2 नवम्बर 2017) , मुहम्मद अली जिन्ना की बेटी और एकमात्र सन्तान थीं। उनकी माँ रतनबाई पेटिट मुम्बई के दो सम्भ्रान्त परिवारों की (पेटिट परिवार और टाटा परिवार) सदस्या थीं। [३][४][५] 1938 में उन्होने नवील वाडिया से विवाह किया किन्तु विवाह अधिक दिन नहीं चला और शीघ्र दोनों में सम्बन्ध विच्छेद हो गया।[१][२] जब 1947 में भारत का विभाजन हुआ तो दीना ने भारत का नागरिक बनना स्‍वीकार किया। यह जानकर लोगों को हैरानी होती है कि जिसके पिता पाकिस्‍तान के संस्‍थापक रहे, उनकी बेटी ने आखिर क्‍यों भारत में रहने का फैसला किया।

जीवन परिचय

दीना का जन्म १५ अगस्त १९१९ को लन्दन में हुआ था। 1929 में गंभीर बीमारी के बाद जिन्ना की पत्नी की मृत्यु हो गई, जिसके बाद जिन्ना बहुत दुखी रहने लगे। ऐसे में उन्‍हें अपनी बहन फातिमा जिन्ना का सहयोग मिला। फातिमा ने ही जिन्ना की बेटी का पालन पोषण किया।

जिन्‍ना से दीना के सम्बन्ध उस समय खराब हो गए जब उन्‍हें 17 साल की उम्र में एक भारतीय पारसी नेविली वाडिया से प्‍यार हो गया। यह जिन्‍ना को बिल्‍कुल बर्दाश्‍त नहीं हुआ किन्तु दीना ने नेविली वाडिया का साथ चुना। जिन्‍ना को उनके पारसी होने से दिक्‍कत थी, जबकि उनकी पत्‍नी और दीना की मां रति एक पारसी थीं और खुले विचारों वाली थीं।

भारत विभाजन के बाद दीना अपने परिवार के साथ भारत में ही रह गईं, जबकि जिन्ना पाकिस्तान चले गए। दीना और नेविली वाडिया दोनों मुंबई में रहते थे। बाद में उनका भी तलाक हो गया। 1948 में जिन्‍ना की मृत्यु के बाद दीना पहली बार पाकिस्‍तान गईं और उसके बाद 2004 में भी गईं। साथ में उनके बेटे नुस्‍ली वाडिया और पोते भी थे।

कराची में अपने पिता के मकबरे पर जाने के बाद दीना ने एक किताब भी लिखी थी और उसे अपनी जिंदगी का सबसे कटु अनुभव बताया था।

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ