महुटा

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
imported>Ramvilasmishra662 द्वारा परिवर्तित १०:१७, १२ अक्टूबर २०१७ का अवतरण
(अन्तर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अन्तर) | नया अवतरण → (अन्तर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

उत्तर प्रदेश के बाँदा जिले में नरैनी ब्लैक में यह गांव बसा हुवा है और इस गांव में एक से एक महान वक्तियो का जन्म हुवा यहां से हो कर जाने वाली नदी का नाम बाघे नदी है जो गंगा में जा कर मिल जाती है श्री कमला प्रशाद गौतम जी का जन्म स्थान है महुटा जो की नरैनी ब्लैक के बहुत ही महान आदमी थे और वो खुद अपने जीवन के मुख्य उदेश दिए जो इस प्रकार है ऐसे लोगो का ख्वाब में दिखने का एक और भी कारण होता है। कि जब किसी से हमारा रिस्ता बहुत गहरा होता हैं, तो हमें कल्पनाओ जरिये उनके मरने पर भी उनका होना महसूस होता रहता हैं।

कभी कभी हमें हमारे परिवार का कोई व्यक्ति या सगे सम्बन्धी- मित्र भी हमारे ख्वाब में दिखते हैं, जो बहुत समय पहले मर चुके होते हैं।

ऐसा कहा जाता हैं कि हमारे बड़े बुजुर्ग भी मृत्यु के बाद भी हमारे ख्वाब में हमारी सुरक्षा और कुशलता को जानने के आते हैं, वह मरने के बाद अपने परिवार के स्नेह से मुक्त नहीं हो पाते और हमारे ख्वाबो में आकर हमारा देखरेख और मार्गदर्शन करते हैं आपके ख्वाब निरथर्क नहीं होते हैं उसके पीछे अर्थ छुपे होते हैं।

हम अधिकतर ख्वाबों को फजूल का समझकर भूल जाते हैं, कभी कभी हम पर आने वाले विपदाओं कि चेतावनी हमें हमारे ख्वाबों के जरिए, हमारे शुभचिंतक मरने के बाद भी दे जाते हैं, और कभी गहरी समस्या निवारण भी कर देते हैं। ऐसे लोगो का ख्वाब में दिखने का एक और भी कारण होता है। कि जब किसी से हमारा रिस्ता बहुत गहरा होता हैं, तो हमें कल्पनाओ जरिये उनके मरने पर भी उनका होना महसूस होता रहता हैं।

गौतम मंडली का स्थापना कर चुके थे समय के साथ परिवर्तन भी हुवा और उनका नाम धीरे धीरे लुप्त होने लगा गांव के आदमी और गांव बहुत बिछे जा चूका है अब इस तरह महुटा का भेष बदल गया है  होता जा रहा है 

और आने  वाले समय में महुटा को बदलने वाला तैयार हो गा इस भरोसे से गांव के लोग जिन्दा है अभी