एम एंड द बिग हूम

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
imported>InternetArchiveBot द्वारा परिवर्तित ०३:३०, १६ जून २०२० का अवतरण (Rescuing 5 sources and tagging 0 as dead.) #IABot (v2.0.1)
(अन्तर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अन्तर) | नया अवतरण → (अन्तर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
एम एंड द बिग हूम  
[[चित्र:|]]
एम एंड द बिग हूम
लेखक जेरी पिन्टो
देश भारत
भाषा अंग्रेज़ी भाषा
प्रकाशन तिथि २०१२
पृष्ठ २३५
आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 8192328023

साँचा:italic titleसाँचा:main other

एम एंड द बिग हूम अंग्रेज़ी भाषा के विख्यात साहित्यकार जेरी पिन्टो द्वारा रचित एक उपन्यास है। इनके लिये उन्हें सन् २०१६ में अंग्रेज़ी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।[१]

कथानक

उपन्यास का कथानक मेंडेस परिवार के आसपास घूमता है जो माहिम, मुंबई में एक छोटे से १ बीएचके अपार्टमेंट फ्लैट में रहते है जिसमें मां "एम" द्विध्रुवी विकार से पीड़ित है। इस उपन्यास का वर्णन उसके बेटे द्वारा प्रथम-पुस्र्ष कथनपद्धति में किया गया है, जो उनके जीवन का वर्णन करता है और बताता है कैसे उनके पिता "बिग हूम" परिवार को एक साथ रखते है। बेटे और बेटी सुसान अपने अतीत का विचार कर रहे हैं, जबकि उनकी मां अब सर जे जे अस्पताल में भर्ती हैं, जो वहा अक्सर भर्ती होती हैं। "एम" के जीवन मे अच्छे और बुरे समय होते हैं और उसका परिवार दोनों मे उसके साथ होता है; जब वह अच्छा महसुस करती है तो परिवार मज़ेदार जीवन जीता है और जब वह उदास हो कर आत्महत्या करने का प्रयास करती है तब भी वे उसके साथ होते है। बेटे को संदेह रखता है कि क्या वह भी आनुवंशिक रूप से इस बीमारी से पीड़ित होगा और बीमारी के कारणों का पता लगाने में सक्षम न होने के कारण कई बार निराश होता है। वह "बिग हूम" के समर्पित स्वभाव की प्रशंसा करता है और कभीकभी डरता भी है कि यदि उनकी मौत हो जाए तो परिवार टूट जाएगा। कहानी तीस साल से अधिक के दंपति के विवाहित जीवन के विभिन्न घटनाओं के बारे में बताती है। विवाह के प्रारंभिक वर्षों में एक दूसरे से बहुत प्यार करते और बाद के वर्षों में एक दूसरे का प्रेमपुर्वक सम्मान करते हुए ये साधारण जोड़ा एक असाधारण जीवन जीता हैं।

प्रकाशन

इस उपन्यास को एम एंड द बिग हूम नाम दिया गया है, क्यूंकि कथाकार प्यार से अपनी मां को "एम" बुलाया करता है और उसके पिता अक्सर कुछ पूछे जाने पर "हूम" की आवाज के साथ जवाब देते। उपन्यास की कहानी को आगे बढ़ाने के लिए पात्रों की यादें, भेंटवार्ता, पत्र और डायरी की प्रविष्टियाँ शामिल हैं। पुस्तक के विभिन्न पात्र गोवा के कैथोलिक है जो पुर्तगाली, अंग्रेजी और कोंकणी भाषाओं में बोलते हैं।[२]

ये लेखक जेरी पिन्टो का पहला उपन्यास है। उपन्यास के "समर्पण" भाग में पिन्टो लिखते है कि ये उनकी मां के साथ के जीवन पर आधारित है और उनका नाम इमेल्डा "मिम" फिलोमेना परपेटुआ पिन्टो-टेलिस बताते है। उपन्यास एलेप बुक कंपनी द्वारा प्रकाशित किया गया है और प्रत्येक अध्याय के शुरुआत में एक चित्र है।[३]

समीक्षा

द गार्डियन की समीक्षक स्कारलेट थॉमस लेखक पिन्टो के संवादों की पकड और २०वीं सदी के अंत के जटिल भारतीय जीवनी के वर्णन की सराहना करती हैं।[२] इण्डिया टुडे के संपादक अनवर अलीखान अमेरिकी कवि और लेखीका सिल्विया प्लाथ के आत्मकथात्मक उपन्यास द बेल जार से इसकी तुलना करते है। डेली न्यूज़ एण्ड एनालिसिस की दीपंजना पाल "बिग हूम" की तुलना हिन्दु भगवान शिव और "एम" की तुलना काली से करती है जैसे शिव काली रूप को देख उनके पैरों में गिर जाते है उनसे सामना करने की कोशिश किए बिना। उपन्यास की तुलना शेक्सपियर के हैमलेट, शार्लट ब्रोंटे के जेन आयर और शार्लट पर्किंस गिलमैन के द येल्लो वालपेपर से की गई है क्योंकि इनकी कहानी एक पागल औरत के बारे में है।[३]

पुरस्कार

सन् २०१२ में पिन्टो को द हिन्दू लिटरेरी प्राइज मिला।[४] सन् २०१३ में बोट्स ऑन लैण्ड के लिये जेनिस पेरियाट के साथ उन्हे क्रॉसवर्ड बुक अवार्ड मिला[५] और सन् २०१६ में अंग्रेज़ी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।[१]

सन्दर्भ