बॉब सिम्पसन
रॉबर्ट बैडले सिम्पसन (जन्म 3 फ़रवरी 1936, साँचा:lang-en) अपने लघु नाम बॉब सिम्पसन से विख्यात पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी हैं जो न्यू साउथ वेल्स, वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया और ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के लिए खेलते थे। इन्होंने 1963-64 से 1967-68 तक और फिर 1977-78 में राष्ट्रीय टीम का नेतृत्व किया। बाद में उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई टीम के कोच के रूप में बेहद सफल कार्यकाल पूरा किया था। सिम्पसन दाएं हाथ के बल्लेबाज और अर्ध नियमित लेग स्पिन गेंदबाज के रूप में खेलते थे। सेवानिवृत्ति के दस साल बाद वह वर्ल्ड सीरीज़ क्रिकेट के युग के दौरान 41 साल की उम्र में ऑस्ट्रेलिया की कमान संभालते वक्त सुर्खियों में लौटें। 1986 में उन्हें ऑस्ट्रेलियाई टीम का कोच नियुक्त किया गया था। जिस पद पर वह जुलाई 1996 में ज्यॉफ मार्श द्वारा उनकी जगह लेने तक कायम रहे।
जीवनी
बॉब ने खिलाड़ी के रूप में अपने पहले कार्यकाल में 1957 से 1967 तक क्रिकेट खेला। शुरू में वह हरफनमौला के रूप खेलते थे। 1963 में अनुभवी खिलाड़ियों नील हार्वे और एलन डेविडसन के सन्यास लेने पर उन्हें उप कप्तान बनाया गया। फिर 1964 में रिची बेनोड के सन्यास लेने पर उन्हें कप्तान बनाया गया। उन्होंने अपने पहले शतक के रूप में 311 रन बनाए। ऐसा करने वाले वो गारफील्ड सोबर्स के बाद दूसरे खिलाडी बने थे (करुण नायर भी अब ऐसा कर चुके हैं)। कप्तान के रूप में शुरुआत में सफल रहने के बाद, उनके करियर के अंत तक आते-आते टीम की असफलता के कारण कप्तानी बिल लॉरी को दे दी गई थी।
जब टेस्ट क्रिकेट को 1977 में वर्ल्ड सीरीज़ क्रिकेट ने तोड़ दिया था, तब सिम्पसन ने 41 साल की उम्र में न्यू साउथ वेल्स और ऑस्ट्रेलिया के कप्तान के रूप में सेवानिवृत्ति के एक दशक के बाद वापसी की। जेफ थॉमसन के अलावा ऑस्ट्रेलिया के सभी पहली पसंद खिलाड़ियों ने दल बदल कर लिया था। बॉब ने भारतीय दौरे पर टीम की कप्तानी की। ऑस्ट्रेलिया ने टेस्ट श्रृंखला 3-2 से जीती। बॉब ने 53.90 के औसत से 539 रन बनाए और चार विकेट लिए। इसके बाद उन्होंने वेस्टइंडीज के दौरे पर ऑस्ट्रेलिया का नेतृत्व किया जो उस समय विश्व की सबसे मजबूत टीम थी। उनके लिये यह निराशाजनक सीरीज़ रही। उन्होंने 22.11 की औसत से 199 रन बनाए और 52.28 की औसत से सात विकेट लिये। वेस्टइंडीज ने श्रृंखला से 3-1 से जीती। अगली श्रृंखला के लिये ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड ने उन्हें बाहर कर दिया और ग्राहम यॉलोप को कप्तान के रूप में स्थापित किया।
फिर 1986 में सिम्पसन ने ऑस्ट्रेलियाई टीम के कोच के रूप में पदभार संभाला जिसपर वह 1996 तक रहें।। उन्होंने कप्तान एलन बॉर्डर के साथ मिलकर कमजोर ऑस्ट्रेलियाई टीम को मजबूत टीम में बदल दिया। कोच के रूप में टीम की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से कुछ हैं: 1987 विश्व कप जीतना, 1989 में इंग्लैंड में द एशेज को फिर से हासिल करना और 1995 में अपने घरेलू मैदान पर पूर्व में हावी वेस्टइंडीज को हराना।
कुल मिलाकर उन्होंने 62 टेस्ट मैच खेलें जिसमें 10 शतक लगाकर 46.81 की औसत से 4,869 रन बनाए। उन्होंने 42.26 की औसत से 71 विकेट भी लिये। प्रथम श्रेणी क्रिकेट के 257 मैच में बॉब ने 56.22 की औसत से 21,029 रन बनाए। जिसमें 60 शतक और 100 अर्ध-शतक शामिल है और 349 विकेट शामिल है। बॉब उच्च कोटि के क्षेत्ररक्षक भी थे। उन्होंने टेस्ट में 110 और प्रथम श्रेणी में 383 कैच लिये।