व्यक्तिनिष्ठ मूल्य सिद्धान्त
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व्यक्तिनिष्ठ मूल्य सिद्धान्त (subjective theory of value) के अनुसार किसी वस्तु का मूल्य उस वास्तु में निहित किसी गुण से निर्धारित नहीं होता, न ही इस बात से निर्धारित होता है कि उसके निर्माण में कितना श्रम लगा है, बल्कि वस्तु का मूल्य इस बात पर निर्भर करता है कि कोई व्यक्ति उस वस्तु को कितना महत्व देता है। हीरा और जल का विरोधाभास इसका सबसे सीधा प्रमाण है।