माँड़

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पकाए हुए चावलों में से निकला हुआ लसदारपानी, माँड़ (संस्कृत : मण्ड ; अंग्रेजी : Rice water) कहलाता है।

उपयोग

माँड़, अतिसार (डायरिया) के उपचार के लिये विशेष उपयोगी है। परम्परागत रूप से इसका उपयोग त्वचा और केश को कांतिमय बनाने के लिये किया जाता रहा है। इसमें विटामिन B, C, E, तथा खनिज तत्त्व होते हैं जो त्वचा को खींचकर सुन्दर बनाते हैं तथा त्वचा के खुले हुए छिद्रों को बन्द कर देते हैं। इससे त्वचा की कोशिकाओं की वृद्धि भी होती है, रक्त संचार बढ़ता है।[१]

दक्षिण चीन की एक अल्पसंख्यक जाति (Yao) माँड़ का उपयोग प्राकृतिक शैम्पू के रूप में शदियों से करती रही है। वे इसी से अपने लम्बे-लम्बे बाल धोया करते हैं।

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