लीलाधर मंडलोई

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लीलाधर मंडलोई हिन्दी भाषा के लेखक और कवि हैं। मुख्य रूप से इनकी पहचान एक कवि के रूप में है हालाँकि इन्होंने विविध विधाओं में लेखन कार्य किया है।

जीवन

मंडलोई का जन्म 1954 में भारतीय राज्य मध्यप्रदेश के छिंदवाडा जिले के गुढ़ी नामक गाँव में हुआ। मंडलोई ने भारत में बी.ए. बीएड. (अँग्रेज़ी) पत्राकारिता में स्नातक और एम॰ए॰ (हिन्दी) तक शिक्षा ग्रहण की और इसके बाद वे लन्दन चले गये जहाँ से प्रसारण में उच्च-शिक्षा (सी.आर.टी) ग्रहण की।

मंडलोई दूरदर्शन, आकाशवाणी के महानिदेशक[१] सहित कई राष्ट्रीय-अन्तरराष्ट्रीय समितियों के साथ ही प्रसार भारती बोर्ड के सदस्य रह चुके हैं। [२]

कृतियाँ

कविता-संग्रह
  • घर-घर घूमा,
  • रात-बिरात,
  • मगर एक आवाज,
  • देखा-अदेखा,
  • ये बदमस्ती तो होगी,
  • देखा पहली दफा अदेखा,
  • उपस्थित है समुद्र
गद्य साहित्य
  • अंदमान-निकोबार की लोक कथाएँ,
  • पहाड़ और परी का सपना,
  • चाँद का धब्बा,
  • पेड़ भी चलते हैं,
  • बुंदेली लोक रागिनी

सम्मान

  • मध्य प्रदेश साहित्य परिषद के रामविलास शर्मा सम्मान से पुरस्कृत,
  • वागीश्वरी सम्मान ,
  • रज़ा सम्मान,
  • पुश्किन सम्मान और
  • नागार्जुन सम्मान 

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ

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