फ़ातिमा शेख़
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फ़ातिमा शेख़ | |
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Born | 9 January 1831[१] पुणे, महाराष्ट्र, भारत |
Occupation | सामाजिक कार्यकर्ता |
Employer | साँचा:main other |
Organization | साँचा:main other |
Agent | साँचा:main other |
Known for | बालिका विद्या |
Notable work | साँचा:main other |
Style | सामाजिक सेवा |
Opponent(s) | साँचा:main other |
Criminal charge(s) | साँचा:main other |
Spouse(s) | साँचा:main other |
Partner(s) | साँचा:main other |
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फ़ातिमा शेख एक भारतीय शिक्षिका थी, जो सामाजिक सुधारकों, ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले की सहयोगी थी। [२]
जीवनी
फ़ातिमा शेख़ मियां उस्मान शेख की बहन थी, जिनके घर में ज्योतिबा और सावित्रीबाई फुले ने निवास किया था जब फुले के पिता ने दलितों और महिलाओं के उत्थान के लिए किए जा रहे उनके कामों की वजह से उनके परिवार को घर से निकाल दिया था। वह आधुनिक भारत में सबसे पहली मुस्लिम महिला शिक्षकों में से एक थी और उन्होंने स्कूल में दलित बच्चों को शिक्षित करना शुरू किया। ज्योतिबा और सावित्रीबाई फुले, फातिमा शेख के साथ, दलित समुदायों में शिक्षा फैलाने का कार्य किया
फ़ातिमा शेख़ और सावित्रीबाई फुले ने महिलाओं और उत्पीड़ित जातियों के लोगों को शिक्षा देना शुरू किया।
उस्मान शेख ने फुले दम्पत्ती को अपने घर की पेशकश की और परिसर में एक स्कूल चलाने पर सहमति व्यक्त की। 1848 में, उस्मान शेख और उसकी बहन फातिमा शेख के घर में एक स्कूल खोला गया था।
फ़ातिमा और सावित्रीबाई फुले ने मिलकर समाज ने शिक्षा के प्रचार प्रसार के लिए काम किया। यह फातिमा शेख थी जिन्होंने हर संभव तरीके से सावित्रीबाई का दृढ़ता से समर्थन किया।
फातिमा शेख ने सावित्रीबाई फुले के साथ उसी स्कूल में पढ़ना शुरू किया। सावित्रीबाई और फातिमा सागुनाबाई के साथ थे।
लोकप्रिय संस्कृति में
फ़ातिमा शेख के जन्मदिन के अवसर पर गूगल ने डूडल द्वारा इन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. [३][४]