भाट पचलाना
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गाँव भाट पचलाना | |
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देश | भारत |
राज्य | मध्य प्रदेश |
जिला | उज्जैन |
तहसील | बड़नगर |
जनसंख्या | |
• कुल | ५,६१४ |
• घनत्व | साँचा:infobox settlement/densdisp |
पिनकोड | 456313 |
ग्राम भाट पचलाना, बड़नगर तहसील का सबसे बड़ा गाँव है। ग्राम भाट पचलाना रूनीजा और खाचरोद के बीच स्थित है। वर्ष 2011 की जनगणना के आनुसार यहाँ की जनसँख्या 5,614 थी।[१] भाट पचलाना मालवा का एक गाँव है।
परिचय
भाट पचलाना खाचरोद बड़नगर मुख्य मार्ग पर स्थित एक संपन्न एवं खुशहाल नगर है। भाट पचलाना उज्जैन जिले में स्थित है जो कि जिला मुख्यालय उज्जैन से 85 किलोमीटर पर स्थित है। यहां से रतलाम की दूरी 30 किलोमीटर, खाचरोद की दूरी 22 किलोमीटर तथा बड़नगर की दूरी 30 किलोमीटर है।
भाट पचलाना नगर यहां स्थित चने के वृक्ष के कारण भी दूर-दूर तक पहचाना जाता है। यह वृक्ष खाचरोद भाट पचलाना मुख्य मार्ग पर पुलिस थाने के सामने रोड की दूसरी ओर स्थित है। इस वृक्ष की ऊंचाई लगभग 40 फिट है।
भाटपचलाना नगर में 1 पुलिस थाना, 1 बैंक, 4 हायर सेकेंडरी स्कूल एवं 1 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है। यहां के पुलिस थाना के अंतर्गत अंतर्गत 62 गाँव है। भाट पचलाना नगर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उत्तम गुणवत्ता की चिकित्सा सेवाएं एवं प्रसव सेवाएं उपलब्ध है जिससे आसपास के 20 किलोमीटर परिधि के गांव लाभान्वित होते हैं। सन 2014 में डॉ सुनील परमार एवं 2016 में डॉ अनिल पाटीदार की पदस्थापना के बाद इस नगर को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए कभी भी परेशान नहीं होना पड़ा।
शिक्षा
शिक्षा के स्तर से भी देखा जाय तो यहां निजी और शासकीय स्कूल की भरमार है। सभी सभी की संख्या मिलकर तकरीबन 10 से अधिक है। इसके उपरांत उच्च शिक्षा के लिए भी महज 20 मिनट की ही दूरी तय करना होती है। इसके साथ ही यहाँ से करीब 5 बड़े शिक्षण संस्थानों के लिए प्रतिदिन बसे आती जाती है।
अर्थव्यवस्था
व्यापार की दृष्टि से भी यहाँ अच्छा माहौल है। कपड़े, गहने, साज सज्जा, इलेक्ट्रॉनिक्स, होटल, मेडिकल, जनरल स्टोर इत्यादि मनोरंजन से संबंधित सारी वस्तुए एवं सूख सुविधा यहाँ उपलब्ध है। इसके साथ ही मुख्य मार्ग का पर नवनिर्मित सड़क सुविधा के कारण रतलाम बड़नगर खाचरोद उज्जैन जैसे बड़े नगर में जाने के लिए भी महज आधे से एक घंटे का ही सफर तय करना होता है। और बारिश के मौसम में भी आवागमन सुचारू रहता है।
कृषि
कृषि के क्षेत्र में भी नगर एवं आसपास के क्षेत्र की जमीन काफी उपजाऊ है साथ ही कृषक यहाँ कि स्थानीय कृषि मंडी में अपनी उपज बेच सकते है। स्थानीय कृषि मंडी होने से किसानो को अपनी उपज को लेकर दूर दूर तक नहीं जाना पड़ता है।
इतिहास
भाट पचलाना में कभी राठौर राजपूतो का राज था। तकरीबन तीन सौ साल पहले राठौर वंश ने भाट लोगों को परास्त कर यहाँ अपना राज कायम किया था जो स्वतंत्रता तक कायम रहा|भाट पचलाना के विकास में यहाँ के आखरी जागीरदार स्व.ठा.सावंत सिंह जी का विशेष योगदान रहा है| गाँव में कई मंदिर है| यहाँ भगवान शिव जी की अति प्राचीन 2 शिवलिंग भी जिन्हें हम सोमेश्वर महादेव और शंकर देवरी के नाम से जानते हैं एंव गाँव के बीच में एक प्राचीन राम मंदिर स्थित है। भाट पचलाना में चने का एक विशाल पेड़ भी है, कहा जाता है यह पेड़ कई सालों पुराना है। सप्ताह के एक दिन शनिवार को हाट बाजार लगता है। शनिवार के हाट बाजार के दिन पशु बाजार भी लगता है। यहां होली के 10 दिन के बाद से दशा माता के दिन से मेला प्रारम्भ होता है पांच दिवसीय मेले में आसपास के करीब 30 गाव के लोग शिरकत करते है।
पर्यटन
अगर आप सप्ताहांत में जंगल में पार्टी या सैर सपाटे का आनंद लेना चाहते हैं तो नगर से 3 किलोमीटर उत्तर में पहाड़ी पर माँ हिंगलाज के मंदीर या 7 किलोमीटर पश्चिम में बैरछा माता जी की पहाड़ी पर या समीप ही अमरकुंड की पहाड़ी पर घूमने का आनंद ले सकते है जहा पृकृति के साथ देवीय स्थान के दर्शन कर आपका मन आनंदित हो जाएगा. नगर से दक्षिण में 10 किलोमीटर की दूरी पर गजनीखेड़ी में माँ चामुंडा का मंदिर स्थित है जो कि श्रीयंत्र की आकृति में निर्मित है। यहाँ माँ दिन में तीन रूप धारण करती है। यहाँ से 23 किलोमीटर की दूर ग्राम सातरूण्डा की पहाड़ियों के ऊपर महाकाली माँ का मंदिर स्थित है जहा पहुंच कर मन को श्रद्धा के साथ सुकून भी मिलता है।
धीरे धीरे बढ़ते शहरीकरण के बावजूद भी यह नगर अपनी पुरानी परंपरा और मालवा का अपना अलग वजूद सहेजे हुए गाव की एक अलग अनुभूति का आनंद प्रदान करता है।