ई कृष्णा ऐय्यर
श्री ई कृष्णा ऐय्यर (९ अगस्त १८९७ - १९६८) एक भारतीय वकील, स्वतंत्रता सेनानी, शास्त्रीय कलाकार एवं कार्यकर्ता थे। इनको दक्षिण भारत में भरतनाट्यम को लोकप्रिय बनाने का श्रेय दिया जाता हैं क्योंकि भरतनाट्यम एक ऐसी कला थी जो भारत में मरने की स्थिति में आ गयी थी।
प्रारंभिक जीवन
श्री ई कृष्णा ऐय्यर का जन्म एक तमिल ब्राह्मण परिवार में कल्लिदैकुरिछी, मद्रास प्रेसीडेंसी में हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूल की शिक्षा अम्बसमुद्रम हाई स्कूल से गृहण की थी। वे मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज से स्नातक हुए थे। उसके पश्चात उन्होंने मद्रास लॉ कॉलेज में कानून की पढाई की तथा सन १९४३ तक कानून का अभ्यास मद्रास उच्च न्यायालय में किया। उनकी १४ वर्ष की उम्र में पार्वती अम्मा से शादी हो गयी थी और उनके ३ बच्चे भी हुए।
श्री ई कृष्णा ऐय्यर ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया तथा सन १९३० में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मुख्य सदस्य भी रहे थे। उन्होंने सुब्रमण्य भारती जी के गानों को लोगों तक पहुंचाने का बहुत परिश्रम किया था।
भरतनाट्यम में योगदान
श्री ई कृष्णा ऐय्यर का भरतनाट्यम पुनः प्रवर्तन आंदोलन में भागीदारी तब बढ़ने लगा जब वे सुगुना विलासा सभा नामक थियेट्रिकल कंपनी में शामिल हुए और सदिर सीखा। सदिर एक एसा नृत्य है जो पहले देवदासिया किया करती थी। जब सदिर मरने की स्तिथी में था, उस समय भारत के कई सुधारक बडी साहस के साथ आगे आए और कलाओं को पुनर्जीवित करने की कोशिश की। कृष्णा जी ने इस सुंदर कला को बचाने का बहुत प्रयत्न किया। वे इस कला की महानता को समझे थे तथा इस कला से जुडे सामाजिक कलंक को हटाने की कोशिश भी की। उनके निरंतर लेख, भाषण तथा प्रस्तुतियों के कारण सन १९४७ तक इस नृत्य के अस्तित्व को बचाए रखा। उनके विशेश लेखन कला से उन्होनें सार्वजनिक जनता को इस दिव्य नृत्य का सौंदर्य मूल्य समझने के लिए प्रेरित किया। उस वर्ष के पश्चात अनेक लोगो ने इस आंदोलन में भाग लिया तथा इस भावी पीढ़ी के लिए भरतनाट्यम को एक नया रूप दिया। उनके बिना हम सदिर या भरतनाट्यम को वर्तमान में कभी ना पहचान पाते।
श्री कृष्णा ऐय्यर ने मद्रास संगीत अकादमी (तमिल इयल इसाई नाटका मंद्रम) की स्थपना की तथा श्रीमती रुकमिनी देवी अरुन्डले के साथ मिलकर भरतनाट्यम को बचाया और उसे एक नया रूप देने की कोशिश भी की थी। ऐय्यर जी ने कर्नाटक संगीत का भी संरक्षण किया था। वे एक कला समीक्षक के रूप में इंडियन एक्सप्रेस, दिनामनी और कल्कि में लिखते थे।
उपलब्धियाँ
श्री ई कृष्णा ऐय्यर को भारत सरकार द्वारा १९६६ में पद्मश्री पुरस्कार मिला था। इसके अलावा इन्हें भारतीय फाइन आर्ट्स सोसायटी, चेन्नई द्वारा सन १९५७ में संगीता कलासिखमनी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
सन्दर्भ
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- ↑ https://www.revolvy.com/main/index.php?s=E.%20Krishna%20Iyerसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]