नजीब अहमद की गुमशुदगी

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
imported>InternetArchiveBot द्वारा परिवर्तित ०४:३२, १६ सितंबर २०२० का अवतरण (Rescuing 1 sources and tagging 0 as dead.) #IABot (v2.0.7)
(अन्तर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अन्तर) | नया अवतरण → (अन्तर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

नजीब अहमद, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU - जेएनयू) का एक लापता विद्यार्थी है। वह 15 अक्तूबर 2016 के बाद कैंपस से गुम हो गया है।[१] वह एमएससी बायोटैकनॉलजी के पहले साल का विद्यार्थी है। 14 अक्टूबर 2016 को उसके और दक्षिणपंथी एबीवीपी के बीच झगड़ा हुआ।[२][२]

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय अध्यापक संघ (JNUTA - जेएनयूटीए) ने प्रशासन को इस मुद्दे के प्रति बेरुख़ी और पक्षपाती प्रबंधन के लिए ज़िम्मेदार ठहराया है।[३] जेएनयू अध्यापक संघ ने यूनिवर्सिटी द्वारा जारी की गई 25-बिन्दु बुलेटिन की भी आलोचना की है कि वह जानबूझकर यह तथ्य छोड़ दिया है कि एक रात पहले हुए झगड़े के दौरान अहमद पर हमला किया गया था।[४] नजीब अहमद की माँ फ़ातिमा नफ़ीस ने जेएनयू के प्रशासन पर यह आरोप लगाया है कि वे असंवेदनशील हैं।[५]

प्रदर्शन में, जेएनयू विद्यार्थियों ने जेएनयूटीइए प्रशासनी इमारत को 20 घंटे घेरी रखा।[६] नजीब के माँ-बाप की सिकायत के आधार पर वसंत कुंज पुलिस ने एक अगवा और ग़लत क़ैद कर रखने के लिए एफ़आईआर दायर की है।[७] यह ख़बर फैल चुकी है कि नजीब के जीवन का अंत करने की एक कोशिश की गई है। यह भी ख़बर है कि हो सकता नजीब किसी छोटे से शहर में गुप्त तौर पर रहने के लिए चला गया हो।[७][८]

नजीब अहमद का केस दिल्ली हाईकोर्ट ने सी.बी.आई. (CBI) को सौंप दिया है। अदालत ने केस सी.बी.आई. को सोपंते हुए विशेष निर्देश दिए की केस की जांच की अगुआई कम से कम डी.आई.जी. रैंक के अधिकारी द्वारा की जानी चाहिए। दिल्ली हाईकोर्ट ने यह आदेश नजीब अहमद की मान श्रीमती फातिमा नफीस द्वारा लगाई गई याचिका पर दिया है। https://web.archive.org/web/20170516210105/https://khabar.ndtv.com/news/india/delhi-high-court-jnu-najeeb-ahmed-cbi-1694228 दिल्ली पुलिस नजीब के ठिकाने के बारे में जानकारी देने के लिए 100,000 रुपये के इनाम का ऐलान किया है।[९] दिल्ली पुलिस की एक ख़ास परीक्षक टीम (ऐस.आई.टी.) इस केस की पड़ताल कर रहा है। नजीब अहमद के हॉस्टल कमरों में मिले नुस्ख़ों से पता चलता है कि यह जेएनयू विद्यार्थी का लापता होने से पहले डिप्रेशन और ऑब्सैसिव-कम्पलसिव विकार (ओसीडी) के लिए इलाज किया जा रहा था।[१०]

सन्दर्भ

  1. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  2. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  3. "Continued Absence of Najeeb Ahmad—Letter to the Editor". Economic and Political Weekly. 50 (23). 2015-06-05. Archived from the original on 27 नवंबर 2016. Retrieved 14 जनवरी 2017. {{cite journal}}: Check date values in: |access-date= and |archive-date= (help)
  4. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  5. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  6. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  7. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  8. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  9. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  10. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।

बाहरी कड़ियाँ