लाला जगत नारायण
लाला जगत नारायण चोपड़ा | |
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जन्म | साँचा:br separated entries |
मृत्यु | साँचा:br separated entries |
जीवन संगी | Shanti Devi |
बच्चे | 2 sons: Romesh Chander and Vijay Kumar Chopra |
निवास | Jalandhar |
धर्म | Hindu - Arya Samaj |
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लाला जगत नारायण (31 मई 1899 − 9 सितम्बर 1981) भारत के प्रसिद्ध पत्रकार तथा हिन्द समाचार समूह के संस्थापक थे। [१] अस्सी के दशक में जब पूरा पंजाब आतंकी माहौल से सुलग रहा था, उस दौर में भी कलम के सिपाही एवं देश भावना से प्रेरित लाला जी ने अपने बिंदास लेखन से आतंकियों के मंसूबों को उजागर किया और राज्य में शांति कायम करने के भरसक प्रयास किए परन्तु 9 सितम्बर सन् 1981 को इन्हीं आतंकियों ने सच्चे देशभक्त एवं निडर पत्रकार लाला जी की हत्या कर दी।
जीवन परिचय
लाला जी का जन्म 31 मई 1899 को वजीराबाद, गुजरांवाला जिले (अब पाकिस्तान) में हुआ था। उन्होने १९१९ में लाहौर के दयानन्द ऐंग्लोवैदिक कॉलेज से स्नातक किया तथा लाहौर के विधि महाविद्यालय (ला कॉलेज) में प्रवेश लिया। १९२० में अध्ययन छोड़ दिया और महात्मा गाँधी के असहयोग आन्दोलन में शामिल हुए। इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ा जब उन्हें लगभग ढाई वर्ष जेल में रहना पड़ा। जेल ही में उन्हें प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय के निजी सचिव के तौर पर कार्य करने का सौभाग्य मिला।
वे लाहौर नगर कांग्रेस समिति के ७ वर्ष तक अध्यक्ष रहे। लाहौर नगरपालिका में कांग्रेस पार्टी के नेता रहे और ३० से अधिक वर्षों तक पंजाब राज्य कांग्रेस समिति के सदस्य रहे।
वर्ष 1924 में ही लाला जगत नारायण जी को भाई परमानन्द द्वारा प्रकाशित 'आकाशवाणी' नामक साप्ताहिक समाचार पत्र में बतौर संपादक का कार्यभार मिला। यहीं से लाला जी के पत्रकारिता जीवन की उम्दा शुरूआत हुई लेकिन उनमें देशभावना के प्रति उत्साह कूट-कूट कर भरा था। तभी तो वे सभी सत्याग्रह आन्दोलन का प्रमुख हिस्सा बने रहे और देश को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद कराने के लिए लगभग नौ वर्ष तक कारावास भी काटा बल्कि लाला जी की पत्नी को भी छ: महीने जेल काटनी पड़ी जबकि उनके बड़े बेटे रमेश चोपड़ा को भी भारत छोड़ो आन्दोलन के दौरान ब्रिटिश सरकार ने गिरफ्तार किया लेकिन लाला जी ने इन सब विपरीत परिस्थितियों में भी हिम्मत नहीं हारी।
देश के आजाद होने के उपरांत, सन् 1948 में लाहौर, पाकिस्तान से पलायन कर जालंधर, पंजाब में हिन्द समाचार नामक उर्दू दैनिक अखबार का शुभारम्भ किया लेकिन तत्काल समय में उर्दू के अखबार को ज्यादा लोकप्रियता नहीं मिल पाई और सन् 1965 में लाला जी ने पंजाब केसरी दैनिक हिन्दी समाचार पत्र की स्थापना कर डाली जिसे पहले उत्तर भारत के राज्यों तथा बाद में मध्य एवं पूर्व और पश्चिम राज्यों में भी खूब लोकप्रियता मिली। लाला जी आर्य समाजी विचारधारा में विश्वास रखते थे और वे अपने जीवनकाल में हमेशा ही आदर्श परिवार एवं आदर्श समाज स्थापना तथा नैतिक कर्तव्य एवं योगदान के लिए प्रेरणास्रोत रहे।
स्वतंत्रता सेनानी तथा पंजाब केसरी समाचार पत्र समूह के संस्थापक लाला जगत नारायण जी की अपने जीवनकाल में सच्ची देशभक्ति एवं समाज सेवा हेतु सन् 2013 में भारत सरकार के तत्कालीन प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने उनके सम्मान में डाक टिकट जारी किया।
सन्दर्भ
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बाहरी कड़ियाँ
- साकार हो रहे हैं अमर शहीद लाला जगत नारायण जी के सपने (पंजाब केसरी)