(अन्तर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अन्तर) | नया अवतरण → (अन्तर)
साँचा:template other
यह तहसील आगरा जिला, उत्तर प्रदेश में स्थित है। 2011 में हुई भारत की जनगणना के अनुसार इस तहसील में 173 गांव हैं।[१][२]
तहसील किरावली जनपद आगरा की प्रसिद्ध तहसील है।प्राचीन काल में पूरा छेत्र मल्ल विध्या के लिए विख्क्यात था।बड़े बड़े सेठ लोग पहलवानों को खुराक खिला कर कुश्ती के लिए तैय्यार करवाते थे ।लाला किरोरी मल ने वाली मोहम्मद पहलवान को तय्यार कराया तो सेठ हाजी लियाक़त ने किर्रा सिंह पहलवान को जीवनपर्यन्त अच्छी खुराक दी ।दोनों पहलवानों ने बहुत नाम कमाया।लाला और सेठजी में भी बहुत दोस्ती थी जिसके कारण दोनों पहलवानों की कभी कुश्ती भी नहीं हुई थी।तत्कालीन एक स्थानीय नेता को उनकी दोस्ती फूटों नहीं सुहाती थी तथा वह उन दोनों को लड़ाने की फ़िराक़ में रहता था।उसने एक चाल
चली ।लोगों के ज़रिए दोनों पहलवानों की कुश्ती की माँग
करादी तथा दोनों दोस्तों से एक दूसरे की बुराइयाँ कर के
उकसाया ।अंतत: दोनों दोस्तों ने एक दूसरे के ख़िलाफ़ टाल ठोक दी।पहलवानों की कुश्ती के लिए एक भव्य दंगल का आयोजन किया गया ।कहते हैं कि उस समय लगभग सवा लाख की भीड़ जुटी थी ।दंगल हुआ ।दोनों पहलवान एक दूसरे पर भूखे शेर की तरह टूट पड़े ।कुश्ती भी 37 मिनट 18सेकंड चली मगर कोई नतीजा नहीं निकला और बराबरी पर छूटी ।दोनों पहलवानों के सम्मान में उस दिन से क़स्बे का नाम किर्रा-वली कर दिया गया जो कालांतर मैं किरावली हुआ । कहते हैं कि दोनों पहलवानों को मीठा बहुत पसंद था तथा उसी समय से पेड़े बनाए जाने लगे ।मान्यता है कि किराबलीके पेड़े उसी प्राचीनकाल से प्रसिद्ध हैं। और कुछ समय बाद अंग्रेजो के कार्यकाल मे यहा पर दो सेठो ने अपनी जमींदारी की जिन दोनो जमींदारों के नाम थे लाला बौ श्याम लाल जी गर्ग और लाला बौ बसंत लाल जी बंसल और इनका किरावली मे कार्यकाल बहुत दिन तक चला है
सन्दर्भ
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
साँचा:asbox