ऋग्वैदिक कालीन देवी एवं देवताओं की सूची
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परिचय
वैदिक लोग प्राकृतिक शक्तियों को साकार रूप में मानते थे और उन्हें “मनुष्य” और “पशु” का सृजन कर्ता के रूप में देखते थे। विभिन्न स्रोतों से पता चलता है कि उस समय ना तो “मन्दिर” होते थे और ना ही “मूर्तियां” होती थी।
ऋग्वैदिक कालीन देवी एवं देवताओं की सूची
- वायु- हवा के देवता
- द्द्यौ- आकाश के देवता
- मरूत- तूफान के देवता
- गंधर्व- देवताओं के संगीतकार
- अश्वनि- देवताओं के चिकित्सक और शल्य चिकित्सा के विशेषज्ञ
- रिभ- बौने देवता
- अप्सरा- देवताओं की प्रेमिकाएं
- रूद्र- एक धनुष-वाण धारी देवता, जिनके क्रोध से रोग फैलता था।
- उषा- भोर की देवी
- अदिति- देवताओं की माता
- पुषण - पशुओं के देवता
- पृथ्वी- भूमि की देवी
- अरण्यानी- वन देवी
- सरस्वती- नदी की देवी
विस्तार
हालांकि, प्रारंभिक वैदिक धर्म प्राकृतिक था और उस समय आध्यात्मिक उत्थान के बजाय प्रजा(बच्चे), पशु और धन के लिए बलि देने की प्रथा थी।