केन्द्रीय विद्यालय
केन्द्रीय विद्यालय संगठन | |
केन्द्रीय विद्यालय | |
विद्या सर्वत्र शोभते
| |
स्थिति | |
---|---|
जानकारी | |
स्थापना | 15 दिसंबर 1963 [१] |
शैक्षिक बोर्ड | केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) |
प्राधिकारी | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार |
जालस्थल | http://www.kvsangathan.nic.in |
केन्द्रीय विद्यालय भारत में प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा का प्रबंध है, जो मुख्यतः भारत की केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चों के लिए बनाया गया है। इस की शुरुआत 1963 में हुई तथा यह तब से भारत के केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से अनुबन्धित है। इस समय भारत में केन्द्रीय विद्यालयों की संख्या 1,225[२] है। इस के अतिरिक्त विदेश में तीन केन्द्रीय विद्यालय हैं जिनमें भारतीय दूतावासों के कर्मचारियों तथा अन्य प्रवासी भारतीयों के बच्चे पढ़ते हैं। विद्यालयों में भारत के राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के पाठ्यक्रम का अनुसरण होता है। सभी केन्द्रीय विद्यालयों का संचालन केन्द्रीय विद्यालय संगठन नाम की संस्था करती है।
केन्द्रीय विद्यालय का मिशन
केन्द्रीय विद्यालयों के प्रमुख चार मिशन इस प्रकार है[३]- 1. केन्द्रीय सरकार के स्थानांतरणीय कर्मचारियों जिनमें रक्षा-Army like BSF, CRPF,etc तथा अर्धसैनिक बलों के कर्मी भी शामिल हैं , के बच्चों को शिक्षा के सामान्य कार्यक्रम के तहत शिक्षा प्रदान कर उनकी शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करना। 2. .विद्यालयी शिक्षा के क्षेत्र में श्रेष्ठता और गति निर्धारित करना। 3. केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सी.बी.एस.सी.) राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् (एन.सी.ई.आर.टी.) इत्यादि जैसे अन्य निकायों के सहयोग से शिक्षा के क्षेत्र में नए-नए प्रयोग तथा नवाचार को सम्मिलित करना। 4. बच्चों में राष्ट्रीय एकता और ’भारतीयता’ की भावना का विकास करना।
विद्यालय प्रार्थना
असतो मा सद्गमय
तमसो मा ज्योतिर्गमय
मृत्योर्मामृतं गमय
दया कर दान विद्या का हमें परमात्मा देना
दया करना हमारी आत्मा में शुद्धता देना
हमारे ध्यान में आओ प्रभू आँखों में बस जाओ
अँधेरे दिल में आकर के प्रभू ज्योति जगा देना
बहा दो प्रेम की गंगा दिलों में प्रेम का सागर
हमें आपस में मिल-जुल कर प्रभु रहना सिखा देना
हमारा धर्म हो सेवा हमारा कर्म हो सेवा
सदा ईमान हो सेवा व सेवक जन बना देना
वतन के वास्ते जीना वतन के वास्ते मरना
वतन पर जाँ फिदा करना प्रभू हमको सिखा देना
दया कर दान विद्या का हमें परमात्मा देना।
ॐ सहनाववतु
सहनौ भुनक्तु
सहवीर्यं करवावहै
तेजस्विनामवधीतमस्तु
मा विद्विषावहै
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः।
विदेशों में केन्द्रीय विद्यालय
भारत के बाहर केन्द्रीय विद्यालय काठमांडू, मास्को व तेहरान में स्थित हैं।
सराहना
केन्द्रीय विद्यालयों की छात्रों के चहुर्मुखी विकास करने के लिए सराहना की जाती हॅ। शिक्षा के स्तर को भी अच्छा माना जाता हॅ। इन विद्यालयों में विभिन्न आर्थिक स्थितियों व देश के विभिन्न भागों के लोगों के बच्चे एक साथ पढ़ते हैं जिससे की छात्रों के व्यक्तित्व का संतुलित विकास होता है।
आलोचना
केन्द्रीय विद्यालयों में शिक्षा का स्तर सभी जगह समान न होना उनकी निंदा का कारण बनता है।
सन्दर्भ
- ↑ https://web.archive.org/web/20171213175912/http://www.kvsangathan.nic.in/AnnualReport/KVS_2015-16.PDF वर्ष २०१५-१६ की वार्षिक रिपोर्ट के आधार पर पृष्ठ संख्या ८
- ↑ https://kvsangathan.nic.in/ स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। केन्द्रीय विद्यालय २०१९ कि रिपोर्ट के आधार पर (२९,जनवरी, २०१९)
- ↑ साँचा:cite web